
नई दिल्ली : कृषी कानूनों farm laws के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन farmers protest का आज 40वां और अहम दिन है। आज किसानों की सरकार के साथ 8वें राउंड की बातचीत होगी। मीटिंग Farmers Government Meeting दोपहर 2 बजे होगी. किसान फिलहाल तीनों कानूनों की वापसी की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं.
किसान संगठनों ने कहा है कि सरकार indian government ने मांगें नहीं मानी तो प्रदर्शन और तेज किया जाएगा। किसान नेता मनजीत सिंह राय ने कहा कि बातचीत का नतीजा नहीं निकला तो 13 जनवरी को कृषि कानूनों की कॉपी जलाकर लोहड़ी मनाएंगे। आज प्रदर्शन 40वें दिन खत्म हो जाएगा या आगे और उग्र होगा यह आज पता चल जाएगा.
अगर आज तीनों कानूनों को निरस्त करने की बात नहीं बनती और MSP गारंटी का कानून नहीं आता तो हमारे अगले कार्यक्रम पहले से ही तैयार हैं. 6 जनवरी को ट्रैक्टरों पर मार्च किया जाएगा, 7 जनवरी को देश को जगाने की कवायद शुरू होगी यह बात किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के सुखविंदर सिंह सभरा ने कही है.
कल क्या कहा था किसानोंने
सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस press conference करते हुए कहा, ”हम 13 जनवरी को कृषि कानूनों की कॉपियों को जलाकर लोहड़ी मनाएंगे। 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को किसान दिवस के रूप में मनाएंगे।” किसान नेता ओंकार सिंह ने कहा, सरकार को अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए। जब तक कानून वापस नहीं लिए जाएंगे, तब तक हम वापस नहीं जाएंगे। यह अफसोसजनक बात है कि किसानों की जान जा रही है। सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है।”
खास बात यह है की ट्विटर पर आज #किसानों_से_वार्ता_सफल_करो ट्रेंड कर रहा है. बता दें कि आज किसान संगठनों और सरकार के बीच मीटिंग होनी है.
पिछली 7 में से सिर्फ 1 बैठक का नतीजा निकला, देखीए क्या हुआ
पहला दौरः 14 अक्टूबर
क्या हुआः मीटिंग में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की जगह कृषि सचिव आए। किसान संगठनों ने मीटिंग का बायकॉट कर दिया। वो कृषि मंत्री से ही बात करना चाहते थे।
दूसरा दौरः 13 नवंबर
क्या हुआः कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के साथ मीटिंग की। 7 घंटे तक बातचीत चली, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।
तीसरा दौरः 1 दिसंबर
क्या हुआः तीन घंटे बात हुई। सरकार ने एक्सपर्ट कमेटी बनाने का सुझाव दिया, लेकिन किसान संगठन तीनों कानून रद्द करने की मांग पर ही अड़े रहे।
चौथा दौरः 3 दिसंबर
क्या हुआः साढ़े 7 घंटे तक बातचीत चली। सरकार ने वादा किया कि MSP से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। किसानों का कहना था सरकार MSP पर गारंटी देने के साथ-साथ तीनों कानून भी रद्द करे।
5वां दौरः 5 दिसंबर
क्या हुआः सरकार MSP पर लिखित गारंटी देने को तैयार हुई, लेकिन किसानों ने साफ कहा कि कानून रद्द करने पर सरकार हां या न में जवाब दे।
6वां दौरः 8 दिसंबर
क्या हुआः भारत बंद के दिन ही गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक की। अगले दिन सरकार ने 22 पेज का प्रस्ताव दिया, लेकिन किसान संगठनों ने इसे ठुकरा दिया।
7वां दौर: 30 दिसंबर
क्या हुआ: नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने किसान संगठनों के 40 प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। दो मुद्दों पर मतभेद कायम, लेकिन दो पर रजामंदी बनी।