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Banking Law Changes : बैंकिंग सेक्टर से जुड़े कुछ कानूनों में 1 नवंबर 2025 से बड़े बदलाव लागू होने जा रहे हैं, जो आम ग्राहकों के लिए काफी अहम साबित हो सकते हैं. वित्त मंत्रालय ने बैंकिग कानून संशोधन अधिनियम 2025 (Banking Laws Amendment Act, 2025) के तहत कई प्रावधानों को लागू करने की घोषणा की है. इनमें सबसे बड़ा बदलाव बैंक खातों, लॉकर और सेफ कस्टडी से जुड़ी नॉमिनेशन (Nomination) की व्यवस्था से संबंधित है. अब ग्राहकों को अपने अकाउंट और लॉकर के लिए पहले से कहीं ज्यादा लचीलापन और पारदर्शिता मिलेगी.

क्या हैं नए नियम और कब से होंगे लागू

वित्त मंत्रालय ने 23 अक्टूबर 2025 को अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि इस कानून की धारा 10, 11, 12 और 13 को 1 नवंबर 2025 से लागू किया जाएगा. इन नियमों का उद्देश्य बैंकिंग सिस्टम में गवर्नेंस को मजबूत बनाना, आरबीआई के पास की जाने वाली रिपोर्टिंग में समानता लाना, डिपॉजिटर्स की सुरक्षा बढ़ाना और ग्राहक सुविधा को बेहतर करना है.

बैंकिग कानून संशोधन अधिनियम 2025 में कुल 19 संशोधन शामिल हैं, जो पांच प्रमुख अधिनियमों से जुड़े हैं. ये पांच कानून हैं – 

  1. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट (Reserve Bank of India Act, 1934)

  2. बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट (Banking Regulation Act, 1949)

  3. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक्ट (State Bank of India Act, 1955)

  4. और बैंकिंग कंपनी अधिग्रहण और ट्रांसफर एक्ट (Banking Companies Acquisition and Transfer of Undertakings Act) 1970 और 1980

    एक अकाउंट पर अब चार नॉमिनेशन तक की सुविधा

    अब तक बैंक खातों में आमतौर पर एक ही व्यक्ति को नॉमिनी बनाया जा सकता था, लेकिन 1 नवंबर से यह नियम बदल जाएगा.
    नए प्रावधान के तहत ग्राहक अब एक ही खाते में चार लोगों तक को नॉमिनेटेड (nominate) कर सकेंगे. ग्राहक चाहें, तो सभी चार लोगों को एक साथ (Simultaneous Nomination) नॉमिनेटेड कर सकते हैं. या फिर एक के बाद एक (Successive Nomination) यानी क्रमवार नॉमिनेशन भी किया जा सकता है. इससे न सिर्फ पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि किसी अनहोनी की स्थिति में क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया भी काफी आसान हो जाएगी.

    सिमल्टैनियस नॉमिनेशन (Simultaneous Nomination) के तहत ग्राहक अपने अकाउंट या डिपॉजिट में चार लोगों को एक साथ नॉमिनी बना सकेगा और हर एक को तय प्रतिशत (जैसे 40%, 30%, 20%, 10%) में हिस्सा दे सकेगा. इस तरह कुल मिलाकर 100% हिस्सेदारी तय करनी होगी.

    वहीं, सक्सेसिव नॉमिनेशन (Successive Nomination) में ग्राहक चार लोगों के नाम क्रम से दे सकते हैं.  अगर पहला नॉमिनी नहीं रहता, तो दूसरे का अधिकार लागू होगा, और ऐसे ही आगे क्रम चलता रहेगा. यह व्यवस्था लॉकर और सेफ कस्टडी जैसी सुविधाओं के लिए भी लागू होगी. 

    लॉकर और सेफ कस्टडी पर भी लागू होंगे नए नियम

    पहले लॉकर या सेफ कस्टडी की वस्तुओं के लिए नॉमिनेशन की प्रक्रिया सीमित थी. अब सरकार ने इन सेवाओं को भी सुधारते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि लॉकर और सेफ कस्टडी में केवल सक्सेसिव नॉमिनेशन की इजाजत होगी. इसका मतलब है कि अगर पहले नामिनेट किए गए व्यक्ति का निधन हो जाता है, तो अगला नॉमिनेटेड व्यक्ति अपने आप ही उस संपत्ति का अधिकार प्राप्त कर सकेगा.

    ग्राहकों को क्या होगा फायदा

    इन बदलावों का सीधा फायदा आम बैंक ग्राहकों को मिलेगा. पहले जहां कई मामलों में नॉमिनी क्लेम को लेकर विवाद या देरी होती थी, अब यह प्रक्रिया ज्यादा पारदर्शी और एकसमान होगी. साथ ही, ग्राहकों को अपने खातों, डिपॉजिट्स और लॉकर में अपनी इच्छानुसार नॉमिनेशन तय करने की छूट मिलेगी.

नॉमिनेशन सुविधा क्या है और क्यों जरूरी है

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के मुताबिक, नॉमिनेशन सुविधा सभी डिपॉजिट खातों, सेफ कस्टडी और लॉकर सेवाओं के लिए उपलब्ध होती है. यह केवल व्यक्तिगत खातों (Single/Joint/Proprietary) के लिए लागू होती है.

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