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Stomach Cancer Symptoms: पेट का कैंसर यानी स्टमक कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जिसमें पेट की भितरी परतों में असामान्य सेल्स तेजी से बढ़ने लगते हैं. यह कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है और शुरुआती अवस्था में इसके लक्षण अक्सर नजर नहीं आते. पुरुषों में इसकी संभावना महिलाओं की तुलना में ज्यादा होती है, खासकर 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में. अत्यधिक धूम्रपान, शराब सेवन, ज्यादा नमक या मसालेदार खाना, और H. pylori बैक्टीरिया का संक्रमण इसके खतरे को बढ़ाता है. पेट में कैंसर क्यों होता है

पेट में कैंसर होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. अनहेल्दी खानपान जैसे अत्यधिक नमक, तेल और प्रोसेस्ड फूड का सेवन पेट के सेल्स को नुकसान पहुंचाता है. H. pylori नामक बैक्टीरिया का संक्रमण लंबे समय तक रहने पर पेट की परत में सूजन और कैंसर की शुरुआत कर सकता है. धूम्रपान और शराब पीने से भी पेट के सेल्स में बदलाव आने लगते हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, जेनेटिक कारण, मोटापा और लंबे समय तक गैस्ट्रिक या अल्सर की दिक्कत भी इसके प्रमुख कारणों में शामिल हैं. जो लोग कम सब्जियां और फल खाते हैं या जिनका खानपान अनहेल्दी है, उनमें यह बीमारी जल्दी पकड़ बना सकती है. 

पेट में कैंसर के तीन बड़े लक्षण क्या हैं?
डॉ. शेख मुर्तुजा  बताते हैं कि पेट के कैंसर के तीन प्रमुख लक्षण हैं, लगातार पेट में दर्द, भूख में कमी और बिना कारण वजन कम होना. शुरुआती चरण में ये संकेत हल्के और अस्थायी लग सकते हैं, इसलिए अक्सर नजरअंदाज हो जाते हैं. जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, मरीज को थोड़ा सा खाना खाने के बाद भी पेट पूरा भरा हुआ महसूस होना, बार-बार मितली या उल्टी और पेट में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

कुछ मामलों में भोजन निगलने में कठिनाई, भारीपन और लगातार थकान भी दिखाई देती है. अगर ट्यूमर आंत की परत में ब्लीडिंग कर रहा हो, तो मल का रंग काला हो सकता है या उसमें खून दिखाई दे सकता है, और उल्टी में भी खून आ सकता है. अन्य लक्षणों में कमजोरी, खून की कमी और पेट की सूजन शामिल हैं. अगर ये शिकायतें चार से छह सप्ताह से अधिक बनी रहें तो तुरंत गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट से संपर्क कर डायग्नोसिस और जांच करानी चाहिए.

कैसे करें बचाव
धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं.

संतुलित और ताजा भोजन करें.

अत्यधिक नमक, तले या प्रोसेस्ड फूड से बचें.

फलों और हरी सब्जियों का सेवन बढ़ाएं.

वजन कंट्रोल रखें और नियमित व्यायाम करें.

अगर लंबे समय से गैस्ट्रिक या अल्सर की समस्या है, तो डॉक्टर से जांच करवाएं.

नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें. 

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