new-drone-rule-2021-know-what-are-the-new-rules-and-what-will-be-the-benefit-to-india-news-update
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नई दिल्ली ड्रोन से जुड़े कुछ नियमों को हाल में सरल किया गया है। ऐसा समूचे ड्रोन कम्युनिटी के कामकाज के तरीके को आसान बनाने के लिए किया गया है। ड्रोन रखने, रजिस्ट्रेशन/ डिरजिस्ट्रेशन, ट्रांसफर, इम्पोर्ट, ऑपरेशन्स, पायलट ट्रेनिंग, टैक्स और जुर्माने से जुड़े नियम समय और संबंधित स्टेकहोल्डर्स से बातचीत के साथ पहले की तुलना में कम जटिल होते जा रहे हैं। Integration Wizards Solutions के सीईओ Kunal kislay ने दैनिक जागरण ने बातचीत की और नये ड्रोन नियम के फायदे और नुकसान के बारे में जानने की कोशिश की। 

समयसीमा

मानवरहित विमान प्रणाली (UAS) नियम, 2021 इस साल के 12 मार्च को अमल में आए थे। इस नियम को लेकर विभिन्न हलकों से मिली-जुली प्रतिक्रिया आई थी। प्रभावित पक्षों ने इसे अधिक पाबंदियों वाला पाया था। इसको लेकर मिली फीडबैक और आम लोगों के साथ-साथ संबंधित संगठनों से मिले सुझाव के बाद संशोधित विधेयक को 15 जुलाई, 2021 को शेयर किया गया। इसे एक बार फिर सार्वजनिक तौर विचार-विमर्श के लिए रखा गया है और इसके बाद इसने UAS Rules, 2021 का स्थान ले लिया। इसका नाम बदलकर Drone Rules, 2021 कर दिया गया। नये कानून को इस लक्ष्य के साथ लाया गया कि इसमें किसी तरह की दखल ना हो। इसलिए कई तरह के नियमों को हटा लिया गया और अनुमति से जुड़े कई तरह के फॉर्म और यहां तक कि फी स्ट्रक्चर में भी कमी की गई। इससे पूर्ववर्ती नियम की तुलना में काफी सराहा गया लेकिन दूसरे दौर के विचार-विमर्श में इसमें कुछ और नए संशोधनों की बात कही गई।

आखिरकार उदार ड्रोन नियम, 2021 (Liberalised Drone rules, 2021) 26 अगस्त, 2021 को प्रभावी हो गया। इसमें पहले की तुलना में कम अप्रुवल्स की दरकार है। साथ ही फॉर्म्स और फी स्ट्रक्चर में भी कमी की गई है। इससे एंटरप्राइज वांछित आउटपुट पर विशेष ध्यान दे पाएंगे।

ध्यान रखने वाली बातें

  • स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स (SOP) और ट्रेनिंग प्रोसिजर्स मैन्युअल्स (TPM) का निर्धारण DGCA द्वारा किया जाना है। इससे कई प्रकार के बाहरी दखल के बगैर कानून का पालन आसान हो जाएगा।
  • डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म एक सक्षम और अच्छे तरीके से विकसित प्लेटफॉर्म है, जो सेल्फ-रेग्युलेशन में मददगार साबित होगा। सारे अप्रुवल इसी प्लेटफॉर्म से मिल जाते हैं। यह विसंगतियों को दूर करने के साथ-साथ आपके कामकाज और व्यावसायिक इरादों को भी नोटिफाई करता है।
  • API पर आधारित जोन मैप यह सुनिश्चित करते हैं कि डिवाइस को एक निर्धारित जोन के भीतर ही ऑपरेट किया जा सकता है। इन गतिविधियों की निगरानी करने वाले यह सुनिश्चित करते हैं कि यह इंडस्ट्री मेकर्स और कंज्यूमर्स सहित सभी के लिए एक जैसा हो।

पर्याप्त स्थान की उपलब्धता और ग्रीन जोन में फ्रीवे से पूर्व में अनुमति लेने की बाध्यता खत्म होने से ड्रोन को उड़ाना आसान हो जाएगा, खासकर पर्यटक समुदाय के लिए। जहां तक ई-कॉमर्स इंडस्ट्री का सवाल है तो कार्गो सर्विसेज के लिए कॉरिडोर का खुलासा अभी नहीं है। हालांकि, इससे उनका समय बच जाएगा और यह उनके लिए किफायती साबित होगा।

हम अब भी कुछ नोटिफेकशन्स का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ड्रोन टैक्सी से जुड़े नियमों का अब भी खुलासा किया जाना है। इससे पहले के ड्रोन नियमों में ड्रोन के इनक्लुशिव वजन को 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया था। इसके साथ ही ‘नो परमिशन-नो टेकऑफ’, रियल टाइम ट्रैकिंग बीकन और जियो फेंसिंग सहित अन्य को लेकर किसी तरह की स्पष्टता नहीं आई है। सबसे आखिर बात यह कि ड्रोन प्रमोशन काउंसिल द्वारा अकादमिक, स्टार्टअप और अन्य प्रमुख स्टेकहोल्डर्स को इससे जुड़ी प्रक्रिया में शामिल किए जाने से ड्रोन इंडस्ट्री को और प्रासंगिक बनाने के लिए किए जा रहे मौजूदा प्रयासों को बेहतर फिजिकल प्लेटफॉर्म हासिल हो जाएगा।

सुधार की गुंजाइश

हम जब बेहतर पक्ष को देखते हैं, तो इस बात पर बहुत अधिक चर्चा नहीं होती है कि नियमों का पालन नहीं होने की स्थिति में क्या होगा। उदार ड्रोन नियम, 2021 में केवल जुर्माने की बात होती है, जो एक लाख रुपये तक का हो सकता है। हालांकि, हम डिफॉल्टर्स की पहचान के लिए काउंटर ड्रोन सिस्टम लाकर लाभान्वित हो सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों में कई देशों में येलो और रेड जोन में UAV उड़ाए जाने की बातें सामने आई हैं। हाल ही में भारत के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एंटी-ड्रोन सिस्टम को काम पर लगाया गया था। यूजर्स को अगर इन तरह की चीजों की जानकारी होगी, तो उनके अंदर जवाबदेही का एक भाव पैदा हो सकता है।


 निष्कर्ष

उदार ड्रोन नियम, 2021 ड्रोन सिस्टम पर निर्भर विभिन्न सेक्टर्स के लिए कारगर है। भारत में जहां एक तरफ बड़े पैमाने पर टेक्नोलॉजी से जुड़े इनोवेशन हो रहे हैं तो कोई भी व्यक्ति अपने बिजनेस से जुड़े फैसलों को लेकर समझौता किए बगैर इन नियमों पर भरोसा करते हुए सफलता हासिल कर सकता है। धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी और इसके इस्तेमाल में वृद्धि होगी। ऐसे में समय-समय पर नियमों में जरूरी संशोधन, प्रावधान जोड़ने या घटाए जाने का काम होते रहना चाहिए। वर्तमान में नियमों में केवल नाम के लिए संशोधन नहीं होते हैं बल्कि ये जरूरी और सराहनीय होते हैं।

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