नई दिल्ली: इंडिगो (Indego) और स्पाइसजेट (Spicejet) के बाद गो फर्स्ट तीसरी एयरलाइंस कंपनी है, जो शेयर बाजार में उतरेगी. यह एयरलाइंस 2005 में लॉन्च हुई थी.
सेबी (SEBI) ने बजट एयरलाइन Go First के प्रस्तावित आईपीओ को मंजूरी दे दी है. पहले सेबी ने इस आईपीओ को सस्पेंड कर दिया था और वाडिया ग्रुप के इस एयरलाइन से जुड़े कुछ सवाल उठाए थे. मई में Go Air को Go First के तौर पर री-ब्रांड किया था और इसे लो-कॉस्ट विमान सेवा के तौर पर पेश किया गया ता. इसके बाद कंपनी ने 3600 करोड़ रुपये के आईपीओ के सेबी में ड्राफ्ट पेपर दाखिल किए थे. यह आईपीओ अक्टूबर तक मार्केट में आ सकता है
ग्रुप के खिलाफ वित्तीय गड़बड़ियों की जांच चल रही थी
आईपीओ को सेबी का अप्रूवल ऐसे वक्त में मिला है, जब प्रमोटरों में से एक नुस्ली वाडिया के छोटे बेटे जेह वाडिया ने ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और बॉम्बे बर्मा ग्रुप ( Bombay Burmah Group) के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया है. इस तरह जेह लिस्टेड वाडिया ने 15 अरब डॉलर के ग्रुप से इस्तीफा दे दिया है. मार्च में जेह वाडिया ने एयरलाइंस के मैनेजिंग डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद उन्होंने एक महीने बाद बॉम्बे डाइंग एंड मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के एमडी के पद से इस्तीफा दे दिया था. इस संबंध में जानकारी रखने वाले वाले एक शख्स ने कहा कि सेबी ने आईपीओ को मंजूरी दे दी है लेकिन उसने कुछ टिप्पणी भी की है.जून में बॉम्बे डाइंग और इसके प्रमोटर वाडिया ग्रुप को कथित तौर पर वित्तीय गड़बड़ियों के लिए SEBI के कॉरपोरेशन फाइनेंस इनवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट से कारण बताओ नोटिस मिला था.
इंडिगो और स्पाइसजेट के बाद गो फर्स्ट शेयर बाजार में उतरेगी
इंडिगो और स्पाइसजेट के बाद गो फर्स्ट तीसरी एयरलाइंस कंपनी है, जो शेयर बाजार में उतरेगी. यह एयरलाइंस 2005 में लॉन्च हुई थी. फिलहाल एविएशन मार्केट में इसकी दस फीसदी हिस्सेदारी है. आईपीओ से जुटाए जाने वाले फंड में से 2,000 करोड़ का रुपये कर्ज चुकाने और लीजिंग कंपनियों को भुगतान में करने की है. बाकी फंड को देश और विदेश में एयरलाइंस की फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाने के लिए लगाया जाएगा.एयरलाइंस का मानना है कि अक्टूबर तक डोमेस्टिक पैसेंजर ट्रैफिक कोरोना से पहले के लेवल के लगभग 80 फीसदी पर आ जाएगा. इसे फेस्टिव सीजन के दौरान पैसेंजर्स की संख्या में अच्छी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.