पीलीबंगा (राजस्थान): दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का आज 79वां दिन है। इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुक्रवार को दो दिन के राजस्थान के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में किसान महापंचायत को संबोधित किया। इसके बाद कांग्रेस नेता श्रीगंगानगर के पदमपुर में भी किसान महापंचायत रैली को संबोधित करेंगे। राहुल का हेलिकॉप्टर सूरतगढ़ में लैंड किया था। वे सड़क मार्ग से पीलीबंगा पहुंचे। सूरतगढ़ से पीलीबंगा के बीच की दूरी करीब 28 किमी है।
राहुल गांधी बोले…
- पीलीबंगा में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा- आज मैं आपके लिए ये जो तीन कानून हैं, इनका लक्ष्य क्या है, मोदीजी इन्हें क्यों ला रहे हैं, ये समझाऊंगा। कृषि दुनिया का सबसे बड़ा बिजनेस है, क्योंकि इससे करोड़ों लोगों को भोजन मिलता है। आज इस बिजनेस को देखें तो भारत की 40% जनता इसे चलाती है। यानी करोड़ों लोग इससे जुड़े हैं। इसमें किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, व्यापारी शामिल हैं। कांग्रेस पार्टी की कोशिश रही है कि इस धंधे को एक व्यक्ति के हाथ में न जाने दें। आजादी के बाद से यही हमारा लक्ष्य रहा है कि इसमें 40% लोगों की भागीदारी इसमें रहे।
- तीन कानून क्या हैं? जो लोग कृषि के बिजनेस को किसान, खेतिहर से छीनना चाहते हैं, पहला कानून कहता है- देश में किसी किसान से अनलिमिटेड एक व्यक्ति किसान से अनाज खरीद सकता है। मुझे बताइए, अगर ऐसा हुआ तो मंडी की क्या जरूरत। यानी ये कानून मंडी को मारने का कानून है। दूसरा- कोई उद्योगपति कितनी भी सब्जी, कितना भी अनाज, कितना भी फल स्टोर कर सकता है। मतलब- वो व्यक्ति जो पूरे माल को स्टोरेज कर सकता है, वो कंट्रोल कर पाएगा। आज अनाज मंडी में बिकता है, कोई जमाखोरी नहीं कर सकता। दूसरा कानून लागू होते ही जमाखोरी शुरू हो जाएगी। ऐसा करेंगे देश के सबसे अमीर लोग।
- तीसरा कानून कहता है- किसान जब उस उद्योगपति के सामने जाकर अपनी फसल के सही दाम मांगेगा तो न मिलने पर वह अदालत में नहीं जा सकेगा। सरकार का लक्ष्य है- 40% लोगों को धंधा 2-3 लोगों के हाथ में चला जाए। एक ही कंपनी पूरे देश का अनाज, फल-सब्जी बेचे। अगर ऐसा हुआ तो आज जो लोग सब्जी, मूंगफली, चना बेचते हैं तो उनका क्या होगा। जो आज छोटे व्यापारी हैं, उनका क्या होगा? एक बात समझिए, ये 40% किसानों पर आक्रमण है। अब किसान को भविष्य दिखने लगा है। अगर ये कानून लागू हुए तो किसान, छोटा दुकानदार, मजदूर तो गया। ये लोग बेरोजगार हो जाएंगे। मोदी कहते हैं कि ये किसानों के लिए किया। मैं पूछता हूं कि फिर दिल्ली के बॉर्डर पर हजारों किसान क्यों जमा हैं? न तो उन्होंने किसानों के लिए किया न तो छोटे दुकानदारों के लिए किया। उन्होंने हम दो, हमारे दो यानी 4 लोगों के लिए किया।
- नोटबंदी के समय मोदीजी ने क्या किया, लोगों की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी। तब उन्होंने छोटे-मंझोले उद्योग खत्म कर दिए। अपने उद्योगपति दोस्तों के लिए रास्ता बनाया था। पिछले साल कोरोना आया। मोदीजी ने बिना कोई सूचना के सब बंद कर दिया। रेलें बंद कर दीं, दुकानें बंद कर दीं। लोग भूखे मर गए, पैदल घर जाना पड़ा। अपने उद्योगपति दोस्तों का 1 लाख 50 हजार करोड़ का कर्ज माफ कर दिया। मोदी का पहला कदम- नोटबंदी, दूसरा- जीएसटी, तीसरा- कोरोना में लॉकडाउन, चौथा- तीन कृषि कानून। मकसद किसानों को खत्म करना और अपने उद्योगपति दोस्तों को मदद पहुंचाना।
- मैं यहां आपको आश्वासन देने आया हूं कि इन कानूनों को बढ़ने नहीं देंगे। इन्हें रद्द करवाकर ही मानेंगे। एक बात और- चीन हजारों किमी हमारे देश के अंदर आ गया। हमारे कई जवानों को शहीद किया। कल रक्षा मंत्री ने संसद में कहा कि चीन से समझौता हो गया। समझौता ये हुआ कि मोदीजी ने हिंदुस्तान की पवित्र जमीन चीन को दे दी। मोदीजी चीन के सामने खड़े नहीं होंगे, किसानों के खिलाफ काम करेंगे। किसान, छोटा दुकानदार, मजदूर मोदीजी को अपनी शक्ति दिखाने जा रहा है। आप दूर-दूर से आए, इसके लिए धन्यवाद।
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