नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने देशभर की 56 छावनी परिषदों का कार्यकाल 6 महीने बढ़ा दिया है। अब यहां चुनाव 6 महीने बाद होंगे। भारत सरकार के गजट नोटिफिकेशन के अनुसार 11 फरवरी से छावनी परिषद के सभी मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल 6 महीने तक बढ़ाया गया है।
रक्षा मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी राकेश मित्तल की ओर से जारी लैटर के अनुसार, यह आदेश देश की 62 छावनी परिषदों में से 56 के लिए है। गजट नोटिफिकेशन के अनुसार, छावनी परिषदों का कुछ एरिया स्थानीय पंचायतों और नगर निकायों में मिलाने की तैयारी के चलते यहां फिलहाल चुनाव नहीं करवा जा रहे।
हिमाचल में कसौली, डगशाई, सुबाथू, जतोग, डलहौजी, बकलोह और योल समेत कुल 7 छावनी क्षेत्र हैं। इनमें से छह का कार्यकाल बढ़ाया गया है।
मनोनीत सदस्यों को जिम्मा
देशभर की 56 छावनी परिषदों में मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल 6 माह के लिए बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से नियुक्त सदस्यों का कार्यकाल भी बढ़ाया गया है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसके अनुसार, मनोनीत मेंबर अगले 6 माह काम करते रहेंगे। यह लोग छावनी क्षेत्र से जुड़ी विकासात्मक योजनाओं को लोगों तक पहुंचाएंगे।
मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल 10 फरवरी को होना था समाप्त
रक्षा मंत्रालय के पुराने आदेशों के मुताबिक छावनी परिषद में मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल 10 फरवरी को समाप्त हो रहा है। रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश मित्तल के कार्यालय से भारत के राजपत्र में जारी अधिसूचना के अनुसार 11 फरवरी से छावनी परिषद के मनोनीत सदस्यों का कार्यकाल 6 महीने तक बढ़ा दिया है। लेकिन इन दिनों चल रही कवायद से सरकार चुनाव करवाने के मूड में नहीं है।
कैंट एक्ट में संशोधन की पूरी तैयारी
रक्षा मंत्रालय की ओर से कैंट एक्ट में संशोधन की पूरी तैयारी कर ली है। रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में सभी छावनियों से रंगीन नक्शा मंगवाया है ताकि छावनी के प्रत्येक क्षेत्र की जानकारी आसानी से मिल सके। इसी बीच प्रदेश के योल कैंट के कुछ क्षेत्र को स्थानीय नगर निकायों में मिलाया जा चुका है। इस प्रक्रिया को लेकर रक्षा मंत्रालय की ओर से बार-बार चुनावों को टला जा रहा है और मनोनीत सदस्यों को ही जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।
62 छावनी क्षेत्रों के लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद
62 छावनी क्षेत्रों के लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। कैंट से बाहर होते ही इन क्षेत्रों का विकास प्रदेश सरकार के फंड से होगा। पानी,स्वास्थ्य,सड़क भूमि सुधार व अन्य विकास कार्य करवाने के लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा। प्रदेश सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी इन क्षेत्र के लोगों को मिल सकेगा।