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नई दिल्ली: दिल्ली के लाल किले पर हिंसा के बाद दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन के कमजोर होने की बात की जा रही थी, माना जा रहा था कि देर रात तक पुलिस इलाका खाली करा लेगी लेकिन अब गाजीपुर बॉर्डर पर स्थिति इसके उलट नजर आ रही है. किसान नेता राकेश टिकैत के आंसू सरकारी तैयारी और अल्टीमेटम पर भाड़ी पड़ते नजर आ रहे हैं. फिलहाल पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हजारों किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने लगे हैं और गाजीपुर पर किसानों की तादाद पहले से और ज्यादा हो गई है.

बता दें कि कल देर शाम दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस एक्टिव नजर आ रही थी, यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में चल रहे किसान आंदोलनों को खत्म करने के लिए सभी डीएम और एसएसपी को निर्देश जारी किए थे. यही नहीं गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन को खत्म कराने के लिए एडीएम खुद पहुंचे थे.

बड़ी तादाद में पुलिस और रैपिड ऐक्शन फोर्स के जवान तैनात कर दिए गए थे, धारा 144 लगा दी गई थी, खबर आने लगी कि राकेश टिकैत सरेंडर कर सकते हैं, लेकिन जैसे ही राकेश टिकैत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पुलिस चाहे तो मुझे गिरफ्तार कर ले और फिर वो भावुक हुए और उनके आंसू छलके, मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान टिकैत फफक-फफककर रोते नजर आए. राकेश टिकैत ने कहा,

फिर इसके बाद माहौल बदलता नजर आया. जैसे-जैसे टिकैत के रोने की बात किसानों के बीच फैली लोग अलग-अलग गांव से दिल्ली की ओर चलने लगे. राकेश टिकैत ने आंदोलन जारी रखने की बात कही है और किसानों से गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने की भावुक अपील भी की.

किसानों का जत्था पहुंच रहा धरना स्थल
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी में नामजद नेताओं में से एक राकेश टिकैत ने कहा कि लाल किले की घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके संगठन ने गणतंत्र दिवस पर लाल किले में हुई घटना में शामिल दीप सिद्धू का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है। बीकेयू नेताओं के आह्वान पर गुरुवार रात पश्चिमी उत्तर प्रदेश से करीब 500 किसान विरोध स्थल पर पहुंच गए।  प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि बृहस्पतिवार शाम से ही विरोध स्थल पर लगातार बिजली कटौती हो रही है जबकि बुधवार से टैंकरों में पानी की आपूर्ति बाधित रही।

गांव के किसानों द्वारा लाया पानी ही पीऊंगा
राकेश टिकैत ने मीडिया से कहा, ‘मैं अब पानी नहीं पीऊंगा। मैं केवल वही पानी पीऊंगा जो गांवों से किसानों द्वारा लाया गया है।”रात साढ़े 10 बजे के करीब डॉक्टरों की एक टीम टिकैत के स्वास्थ्य की जांच के लिए विरोध स्थल पर पहुंची।’ हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी और सैकड़ों सुरक्षाकर्मी देर रात यूपी गेट पर फ्लाईओवर के नीचे से गुजरने वाले दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और लिंक रोड पर थे।

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गाजीपुर बॉर्डर पर अचनाक बदला गया माहौल
गाजीपुर बॉर्डर गुरुवार को एक तरह से छावनी में तब्दील हो गई थी। बड़ी तादाद में पुलिस के जवान और रैपिड ऐक्शन फोर्स के जवान तैनात थे। गाजीपुर बॉर्डर इलाके में धारा 144 लगा दी गई। ऐसी संभावना थी कि राकेश टिकैत सरेंडर कर सकते हैं या पुलिस उन्हें गिरफ्तार करेगी। इस बीच आगे के कदम को लेकर बीकेयू में मतभेद प्रतीत हुआ और राकेश के भाई नरेश टिकैत ने यह तक ऐलान कर दिया था कि प्रदर्शन खत्म हो जाएगा। उन्होंने मुजफ्फरनगर में एक सभा में कहा, ‘निराश नहीं हों। आज गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन खत्म हो जाएगा। पुलिस द्वारा पीटे जाने से बेहतर है कि उस स्थान को खाली कर दें।’ मगर राकेश टिकैत की प्रेस कॉन्फ्रेंस से अचानक माहौल बदल गया।

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 राजनीतिक दलों का फिर मिला समर्थन

लंबे समय से आंदोलन कर रहे किसानों को एक बार फिर से कांग्रेस, आरएलडी समेत कई दलों के नेताओं का समर्थन मिला। टिकैत के रोते हुए वीडियो को देखने के बाद आरएलडी मुखिया चौधरी अजित सिंह भी साथ आ गए। उन्होंने  टिकैत और भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत से बात की। रात में करीब पौने आठ बजे के बाद जयंत चौधरी ने ट्वीट करके जानकारी दी। जयंत चौधरी ने कहा कि चिंता मत करो, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, साथ रहना है। यह संदेश चौधरी साहब ने दिया है। वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार शाम ट्विटर पर कहा कि यह साइड चुनने का साइड चुनने का समय है। मेरा फैसला साफ है। मैं लोकतंत्र के साथ हूं, मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं।

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