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नई दिल्ली: दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड में हिंसा Tractor Rally violence के बाद पुलिस लगातार एक्शन में है। 44 किसान नेताओं के खिलाफ गुरुवार को लुकआउट नोटिस जारी किए गए। अब उनके पासपोर्ट भी जब्त किए जाएंगे, ताकि वे बिना इजाजत विदेश न जा सकें। पुलिस ने हिंसा के मामले में अब तक 33 FIR दर्ज की हैं।

इधर, गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत Rakesh Tikait ने कहा, ‘दिल्ली की हिंसा कौम को बदनाम करने की साजिश है। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट को करनी चाहिए। इसमें सारे कॉल रिकॉर्ड्स भी शामिल किए जाएं।’ एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए टिकैत ने कहा कि वे सरेंडर नहीं करेंगे और आंदोलन जारी रहेगा।

लाल किले में हिंसा करने वालों पर राजद्रोह का केस
खबर ये भी है कि लाल किले में हिंसा करने वालों पर पुलिस ने राजद्रोह का केस दर्ज किया है। इससे पहले, पुलिस ने 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, 3 दिन में इसका जवाब दें।

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इनमें से 6 के नाम अभी तक सामने आए हैं। ये नेता हैं राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर सिंह राजेवाल और जगतार सिंह बाजवा। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 64वां दिन है। टीकरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। दूसरी तरफ सुरक्षाबल भी तैनात हैं।

पुलिस ने टिकैत के टेंट पर नोटिस चस्पा किया
हिंसा मामले में टिकैत और जगतार सिंह बाजवा को नोटिस देने पुलिस गुरुवार दोपहर 12.30 बजे गाजीपुर बॉर्डर पहुंची थी। लेकिन, दोनों नेता सामने नहीं आए। इसके बाद पुलिस ने उनके टेंट पर नोटिस चिपका दिया।

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इधर, गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली काटने से नाराज टिकैत बोले, ‘सरकार दहशत फैलाने का काम कर रही है। गांवों में दिक्कत हुई तो किसान लोकल पुलिस थानों पर जाएंगे। वहां जो भी होगा, उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। पुलिस ने लाल किला परिसर से डेढ़ घंटे में प्रदर्शनकारियों को बाहर निकाल दिया था, लेकिन एहतियात के तौर पर तीसरे दिन भी बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं।

सिंघु बॉर्डर पर किसानों के खिलाफ प्रदर्शन
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर दो महीने से आंदोलन कर रहे किसानों को अब लोगों का विरोध भी झेलना पड़ रहा है। गुरुवार दोपहर कुछ लोगों ने सिंघु बॉर्डर पहुंचकर नारेबाजी की। लोगों के हाथ में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था कि तिरंगे का अपमान नहीं सहेंगे।

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