मुंबई: मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए मनोज जरांगे पाटिल ने बड़ा आंदोलन खड़ा किया है। राज्य की महायुति सरकार ने उनसे चर्चा की और आरक्षण देने के वादे को लेकर कई घोषणाएं कीं। सार्वजनिक रूप से कहा गया है कि मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाएगा, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। यह सरकार मराठा समाज को आरक्षण के नाम पर गुमराह कर रही है। मराठा समाज के नेता द्वारा मुंबई आने की चेतावनी के बाद भी सरकार ने तत्काल कदम नहीं उठाए हैं। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया है कि आरक्षण के नाम पर मराठा समुदाय को केवल झांसा दिया गया है और इसलिए मराठा समुदाय को विवश होकर मुंबई आना पड़ा है, जो शिंदे-भाजपा सरकार की बड़ी विफलता है।
आरक्षण मुद्दे पर शिंदे-बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि सरकार के प्रतिनिधियों ने मनोज जरांगे पाटिल से कई बार चर्चा की है। सरकार के दो मंत्री लगातार मनोज जारांगे पाटिल के संपर्क में थे, लेकिन अब ये दोनों मंत्री पिछले कुछ दिनों से गायब हैं ।बड़ा सवाल यह है कि ये दोनों मंत्री अब चर्चा क्यों नहीं कर रहे? आरक्षण के लिए मनोज जरांगे पाटिल को सरकार ने एक समय सीमा दी थी, वह समय सीमा अब समाप्त हो गई है। सरकार द्वारा दी गई तारीख समाप्त होने के बावजूद अभी तक आरक्षण को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सरकार मराठा समुदाय को केवल तारीख पर तारीख दे रही है और यह मराठा समुदाय का बड़ा अपमान है।
नाना पटोले ने कहा कि उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आए तो एक महीने में मराठा समुदाय को आरक्षण देंगे और मराठा समुदाय को आरक्षण देने का साहस सिर्फ उनमें है। लेकिन अब फडणवीस की वह दहाड़ कहाँ गुम हो गई है। मराठा आरक्षण पर अब वह क्यों चुप हैं। भाजपा के वे तोते भी मराठा आरक्षण पर क्यों चुप हैं जो यह प्रचारित करते हैं कि मराठा आरक्षण देवेन्द्र फडणवीस ने दिया था। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी आरक्षण विरोधी है और किसी भी सामाजिक समूह को आरक्षण नहीं देगी। आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा सरकार ने राज्य में मराठा समुदाय और ओबीसी समुदाय के बीच दरार पैदा करने का पाप किया है। पटोले ने कहा कि आरक्षण पर 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को हटाना और जातिवार जनगणना ही एकमात्र विकल्प है और कांग्रेस भी यही मांग कर रही है। लेकिन बीजेपी जातिवार जनगणना के खिलाफ है और केंद्र की मोदी सरकार आरक्षण पर लगे 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने का फैसला तक नहीं ले रही है।