
Semiconducter Supply: ऑटो सेक्टिर के लिए सेमीकंडक्टर (चिंप) की समस्यात अभी खत्मच नहीं हुई है. सेमीकंडक्टोर के चलते कंपनियां ग्राहकों की ओर से आने वाली डिमांड समय से पूरा नहीं कर पा रही हैं और लाखों बुकिंग के लिए इंतजार लगातार बढ़ रहा है. देश की लीडिंग वाहन विनिर्माता मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) का मानना है कि सेमीकंडक्टर की किल्लत अगली कुछ तिमाहियों तक बनी रह सकती है, जिससे कुछ खास मॉडलों की सप्लासई में देरी और बढ़ जाएगी.
मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (सेल्स एंड मार्केटिंग) शशांक श्रीवास्तव ने न्यूतज एजेंसी से कहा कि सेमीकंडक्टर की सप्लोई अब भी एक समस्या बनी हुई है. उन्होंने कहा कि पिछली तिमाही में सेमीकंडक्टर की वजह से 46,000 यूनिट का नुकसान उठाना पड़ा था. इस तिमाही में भी कुछ मॉडलों के लिए यह समस्या बनी हुई है.
Ertiga और Brezza की नहीं पूरी हो पा रही डिमांड
मारुति सुजुकी के पास 3.69 लाख यूनिट की बुकिंग पेंडिंग है, जिसमें अकेले एर्टिगा मॉडल की ही 94,000 यूनिट की बुकिंग है. इसके अलावा ग्रैंड विटारा और ब्रेजा जैसे पॉपुलर मॉडलों की भी 37,000 और 61,500 से अधिक बुकिंग हैं. आधुनिक दौर के वाहनों में सेमीकंडक्टर चिपों का इस्तेमाल प्रमुखता से होता है. ऐसे में इन चिपों की उपलब्धता आसानी से न होने से गाड़ियों की आपूर्ति भी नहीं हो पाती है.
3 साल से सेमीकंडक्टर की समस्या
पिछले 3 साल से सेमीकंडक्टर की उपलब्धता एक समस्या बनी हुई है. एमएसआई को सेमीकंडक्टर नहीं मिल पाने की समस्या आगे भी बने रहने की आशंका सता रही है. श्रीवास्तव ने कहा कि यह अनुमान लगा पाना काफी मुश्किल है कि हालात कब सामान्य हो पाएंगे. इसकी वजह यह है कि अभी ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि देश के यात्री वाहन बाजार में एसयूवी 42.6 फीसदी हिस्सेदारी के साथ अग्रणी भूमिका में आ चुका है.
उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक यात्री वाहनों की बिक्री का आंकड़ा 38.8 लाख यूनिट तक जा सकता है, जो अब तक का रिकॉर्ड होगा. पिछले वित्त वर्ष में 30.7 लाख यात्री वाहनों की बिक्री हुई थी.