why-mask-important-for-us-70-percent-corona-cases
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नई दिल्ली l कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान लोगों के मास्क लगाने पर काफी जोर दिया गया। देश-विदेश के डॉक्टर्स से लेकर Who चीफ तक ने मास्क को कोरोना से बचने का बड़ा जरिया माना है। 3 देशों में लोगों ने जैसे ही मास्क पहनना कम किया, वहां कोरोना केस 5 दिन के अंदर 70% तक बढ़ गए। इन देशों में इजराइल, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया शामिल है।

जर्मनी की तकरीबन आधी आबादी कोरोना खत्म होने के बाद भी मास्क लगाना चाहती है। एक रिसर्च में सामने आया है कि जर्मनी के करीब 45% लोग ऐसा चाहते हैं। आइए 5 देशों के डेटा का एनालिसिस कर जानते हैं कि मास्क लगाने की जरूरत खत्म करने पर किस तरह केस बढ़ने शुरू हुए।

  1. इजराइल: ढील के 10 दिन बाद ही मास्क जरूरी किया
    इजराइल में कोरोना की पहली लहर का पीक 23 सितंबर 2020 को आया था। तब वहां एक दिन में सबसे ज्यादा 11,316 केस आए थे। इसके बाद 20 जनवरी 2021 को वहां दूसरी लहर का पीक आया। तब एक दिन में सबसे ज्यादा 10,213 केस आए। 19 दिसंबर 2020 को इजराइल में वैक्सीनेशन शुरू किया गया। तब वहां 2.5 हजार से ज्यादा केस एक दिन में दर्ज किए जा रहे थे। यहां जैसे-जैसे वैक्सीनेशन बढ़ा, वैसे-वैसे केस भी कम होते गए।

18 अप्रैल 2020 को इजराइल में कहीं भी जाने के लिए मास्क की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया। अगले दिन 19 अप्रैल से ही कोरोना केस बढ़ने शुरू हो गए। 10 दिन बाद ही इजराइल की सरकार ने दोबारा मास्क का पहनना जरूरी कर दिया। इजराइल में शनिवार तक 8 लाख 40 हजार से ज्यादा केस आ चुके हैं। 6 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 8 लाख 33 हजार लोग ठीक हो चुके हैं।

  1. ऑस्ट्रेलिया: सख्ती बढ़ाई
    ऑस्ट्रेलिया में कोरोना की पहली लहर का पीक 22 मार्च 2020 को आया। तब वहां एक दिन में सबसे ज्यादा 537 केस आए थे। इसके बाद 30 जुलाई 2021 को वहां दूसरी लहर का पीक आया। तब एक दिन में सबसे ज्यादा 721 केस आए। 22 फरवरी 2021 को ऑस्ट्रेलिया में वैक्सीनेशन शुरू किया गया। तब वहां 10 के करीब केस एक दिन में दर्ज किए जा रहे थे।

सितंबर 2020 में ऑस्ट्रेलिया में प्रतिदिन 50 से भी कम केस आने लगे। लोगों ने कोरोना नियमों का पालन करना कम कर दिया। इसके बाद दिसंबर 2020 में केस दोबारा बढ़ने शुरू हो गए। 2 जनवरी 2021 को यहां की सरकार ने दोबारा मास्क पहनना जरूरी कर दिया। ऑस्ट्रेलिया में शनिवार तक 30,456 केस आए थे। 910 लोगों की मौत हो चुकी है और 29,307 लोग ठीक हो चुके हैं।

  1. जर्मनी: सर्वे में लोगों ने मास्क को जरूरी माना
    जर्मनी में कोरोना की पहली लहर का पीक 18 दिसंबर 2020 को आया। तब वहां एक दिन में सबसे ज्यादा 31,553 केस आए थे। इसके बाद 14 अप्रैल 2021 को वहां दूसरी लहर का पीक आया। तब एक दिन में सबसे ज्यादा 32,546 केस आए। 27 दिसंबर 2020 को जर्मनी में वैक्सीनेशन शुरू किया गया।

जर्मनी के बड़े मीडिया हाउस Augsburger Allgemeine के सर्वे में सामने आया है कि जर्मनी के 44.7% लोग मास्क को हमेशा के लिए अपने जीवन का हिस्सा बनना चाहते हैं। 41.9% लोग कोरोना खत्म होते ही मास्क को उतार फेंकना चाहते हैं। मास्क को जरूरी मानने वालों में 54.1% जनसंख्या 65 से ज्यादा उम्र के लोगों की है। जबकि 50.5% युवा मास्क को तुरंत ही हटाना चाहते हैं। सर्वे में यह भी सामने आया है कि 48.2% महिलाओं का मास्क के प्रति रुख सकारात्मक है। जबकि पुरुषों में इसकी तादाद 41.2% है। ये सर्वे 5,020 लोगों के डेटा पर आधारित है।

  1. तुर्की: केस घटे तो लापरवाही की, फिर तेजी से बढ़ा संक्रमण
    तुर्की में कोरोना की पहली लहर का पीक 8 दिसंबर 2020 को आया। तब वहां एक दिन में सबसे ज्यादा 33,198 केस आए थे। इसके बाद 16 अप्रैल 2021 को वहां दूसरी लहर का पीक आया। तब एक दिन में सबसे ज्यादा 63,082 केस आए। 14 जनवरी 2021 को तुर्की में वैक्सीनेशन शुरू किया गया। तब वहां 8,962 के करीब केस एक दिन में दर्ज किए जा रहे थे।

जनवरी के आखिर में कम होकर ऑस्ट्रेलिया में प्रतिदिन 5 हजार के करीब केस आने लगे। लोगों ने कोरोना नियमों का पालन करना कम कर दिया। बिना मास्क के सड़कों पर भीड़ लगने लगी। इसके बाद मार्च 2021 में केस दोबारा बढ़ने शुरू हो गए। तुर्की में शनिवार तक 5,398,878 केस आए। 49,473 लोगों की मौत हो चुकी है और 5,261,892 लोग ठीक हो चुके हैं। ​​​​​

  1. फिजी: मास्क न पहनने पर देना होगा फाइन
    333 द्वीपों से मिलकर बने देश फिजी में कोरोना की पहली लहर का पीक 24 जून 2021 को आया। तब वहां एक दिन में सबसे ज्यादा 308 केस आए थे। कम आबादी वाले देश के लोगों को कोरोना के डेल्टा और डेल्टा वैरिएंट ने चिंता में डाल दिया है। फिजी में शनिवार तक 3,063 केस आए थे। 14 लोगों की मौत हो चुकी है और 675 लोग ठीक हो चुके हैं।

फिजी में लंबे समय तक 5 से 10 मामले हफ्ते में एक बार सामने आते रहे। लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर रोजना 300 के करीब हो गई है, जिसके बाद यहां मास्क को जरूरी कर दिया गया है और मास्क न पहनने पर फाइन लगाया जा रहा है।

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