Choose the government of a party that works for the development of Maharashtra, not Gujarat: Dr. Syed Nasir Hussain
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कोरोना काल में बिहार विधानसभा आम चुनाव को लेकर ऑडियो- विजुअल प्रचार सामग्री की अहमियत अधिक हो गई है। वहीं, परंपरागत पोस्टर-बैनर की भी प्रतिष्ठा बरकरार है। ऐसे में चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत कोई भी ऑडियो-विजुअल प्रचार सामग्री हो या बड़े-छोटे पोस्टर और बैनर, सभी का प्रचार में शामिल करने के पूर्व प्रमाणीकरण कराना जरूरी है।
बिहार विधानसभा आम चुनाव के तीन चरणों के लिए अलग-अलग राजनीतिक दलों के द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपनी नीतियों और विरोधियों की आलोचना को प्रचारित करने पर जोर दिया जा रहा है। निर्वाचन विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चुनाव को लेकर कांग्रेस की ओर से ऑडियो और विजुअल प्रचार माध्यमों का जमकर उपयोग किया जा रहा है। विभाग के अनुसार कांग्रेस द्वारा अबतक सबसे अधिक 326 प्रचार माध्यमों का प्रमाणीकरण कराया गया है।
बिहारमे अबतक 573 प्रचार माध्यमों की दी गयी मंजूरी

चुनाव आयोग के निर्देश पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार के कार्यालय में राज्य स्तर पर मीडिया सर्टिफिकेशन (प्रमाणीकरण) को लेकर मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) का गठन किया गया है। इस कमेटी के द्वारा अबतक कुल 573 ऑडियो-विजुअल व अन्य प्रचार सामग्रियों को प्रमाणीकरण किया गया है।

जदयू ने 129 तो भाजपा ने 80 प्रचार माध्यमों की ली स्वीकृति

जदयू ने अबतक 129 तो भाजपा ने 80 प्रचार सामग्रियों का प्रमाणीकरण कराया है। जबकि राजद ने मात्र 35 प्रचार सामग्रियों का प्रमाणीकरण कराया है। सूत्रों के अनुसार जदयू ने ऑडियो-विजुअल युक्त प्रचार वाहनों को भी प्रचार में शामिल करने की अनुमति ली है। जो कि अलग अलग ज़िलों में जाकर विजुअल माध्यम से लोगों के बीच पार्टी के विचारों को पेश करेगा। वहीं, सभी राजनीतिक दलों के द्वारा शार्ट फिल्म भी तैयार किये गए हैं जिसमें पार्टी के बेहतर प्रदर्शन को प्रचारित किया गया है। राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय दलों के अतिरिक्त निबंधित गैर मान्यता प्राप्त दलों के द्वारा भी मीडिया सर्टिफिकेशन कराया जा रहा है।

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