नई दिल्ली: शायर मुनव्वर राणा Munawwar Rana passes away का निधन हो गया है। उन्होंने 71 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार थे। वे मां पर लिखी गईं अपनी शायरियों की वजह से आम लोगों में खूब लोकप्रिय थे।
कुछ दिनों पहले वे लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई अस्पताल में भर्ती थे। उनकी बेटी सुमैया राणा ने मौत की सूचना को कंफर्म किया है। पिछले दिनों उनकी तबीयत खराब होने के बाद उनको आईसीयू वॉर्ड में शिफ्ट किया गया था।
गॉल ब्लेडर में इन्फेक्शन की वजह से पिछले साल मई में उनका ऑपरेशन किया गया था। उसके बाद वह काफी समय वेंटिलेटर पर रहे। वह बीपी, शुगर और किडनी डिजीज के भी पेशेंट थे।
2017 में लंग्स और गले में हुआ था इन्फेक्शन मुनव्वर राणा कई सालों से डायलिसिस किया जा रहा है। साल 2017 में भी सीने में दर्द की शिकायत हुई थी। लंग्स और गले में भी इन्फेक्शीन था। इसके बाद इन्हें लखनऊ के SGPGI में भर्ती कराया गया था। उनके दोनों घुटने का भी ऑपरेशन हुआ है। किडनी की समस्याओं के चलते दिल्ली में भी उनका इलाज चल रहा था।
लौटा दिया था साहित्य अकादमी पुरस्कार
मुनव्वर को साल 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था। हालांकि, साल 2015 में असहिष्णुता बढ़ने के नाम पर अवॉर्ड वापस कर दिया था। वहीं, किसानों के आंदोलन के दौरान उन्होंने कहा था कि संसद भवन को गिराकर वहां खेत बना देना चाहिए।
विधानसभा चुनाव में वोटर लिस्ट से नाम गायब हुआ था
साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में मुनव्वर राणा का नाम वोटर लिस्ट से गायब हो गया था। इसके चलते वह वोट नहीं डाल पाए थे। राणा ने कहा था कि मेरा वोटर लिस्ट में नाम नहीं है। इसलिए मैं वोट डालने नहीं जा पाऊंगा। राना लखनऊ के कैंट विधानसभा के वोटर थे।
विवादों से रहा था मुनव्वर का पुराना नाता
मुनव्वर राणा अक्सर विवादों में रहते थे। राम मंदिर पर फैसला आने के बाद उन्होंने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर सवाल उठा दिया था। वहीं, किसानों के आंदोलन के दौरान उन्होंने कहा था कि संसद भवन को गिराकर वहां खेत बना देना चाहिए।
कहा था- योगी फिर CM बने तो करूंगा पलायन
2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में पाकिस्तान-पलायन और जिन्ना जैसे शब्द चर्चा में था। उसी बीच शायर मुनव्वर राणा ने एक चैनल से इंटरव्यू में कहा था कि ‘वर्तमान सरकार पलायन-पलायन रट रही है, लेकिन भाजपा सरकार में मुसलमानों में इतना खौफ है कि कोई बोल नहीं सकता है। अगर फिर भी ओवैसी की मदद से भाजपा की सरकार आ जाती है तो हमें यहां रहने की जरूरत नहीं है, मैं यहां से पलायन कर लूंगा’।