मुंबई : शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde Fadnavis Government), एसटी निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों का वेतन समय से नहीं दे पा रही है। वेतन न मिल पाने से निराश सांगली जिले के एसटी डेपो में काम करने वाले भीमराव सूर्यवंशी ने आत्महत्या कर ली। राज्य सरकार के लिए यह शर्म की बात है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) ने एसटी कामगारों से अपील करते हुए कहा है कि वे अपना धैर्य न खोये और जल्दबाजी में कोई अतिवादी कदम न उठाएं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एसटी कर्मचारियों के साथ मजबूती से खड़ी है और बजट सत्र में हम उनके मुद्दों को जोर – शोर से उठाएंगे।
इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने शिंदे-फडणवीस सरकार को घेरते हुए कहा कि एसटी निगम को अपने कर्मचारियों को वेतन के लिए हर महीने 360 करोड़ रुपए की जरूरत होती है, जो महाविकास आघाडी सरकार के दौरान नियमित रूप से दिया जाता था। जब एसटी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आजाद मैदान में हड़ताल पर चले गए तो महंगाई भत्ते में 28 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। कर्मचारियों की मांगों पर मकान किराया भत्ता और वेतन वृद्धि भी की गई थी। इस हड़ताल के दौरान भी कांग्रेस पार्टी और माविआ सरकार कर्मचारियों के साथ खड़ी रही, लेकिन कुछ राजनीतिक दलों और स्वयंभू नेताओं ने एसटी कामगारों को गुमराह करते हुए माविआ सरकार के खिलाफ वातावरण तैयार करने का काम किया। कोर्ट के फैसले के बाद भी हड़ताल वापस नहीं लेने दी गई। सवाल यह है कि एसटी कामगारों को गुमराह करने वाले नेता आज क्यों चुप बैठे हैं। एसटी कर्मचारियों को समय से वेतन क्यों नहीं मिल रहा है? क्या एसटी का विलय करने से किसी ने शिंदे-फडणवीस सरकार के हाथ बांध रखे हैं? इस तरह के सुलगते सवाल पटोले ने उठाए हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एसटी निगम को अपने कर्मचारियों के वेतन के लिए हर महीने 360 करोड़ रुपए की जरूरत होती है, लेकिन शिंदे -फडणवीस सरकार केवल 223 करोड़ रुपए का प्रावधान कर रही है। इस वजह से राज्य सरकार पर एसटी निगम का 1000 करोड़ रुपये बकाया है।निगम लगातार इस राशि के भुगतान की मांग कर रहा है, लेकिन राज्य सरकार पर्याप्त धनराशि उपलब्ध नहीं करा रही है। नाना पटोले ने जोरदार हमला करते हुए कहा कि शिंदे-फडणवीस सरकार के पास निगम कामगारों को वेतन देने के लिए पैसा नहीं है लेकिन विज्ञापन और आयोजनों पर लाखों रुपए खर्च करने के लिए पैसा है। उन्होंने कहा कि एसटी कर्मचारियों का मुद्दा गंभीर है और हम इस मामले में भाजपा की तरह राजनीति नहीं करेंगे बल्कि इस सरकार से बजट सत्र में जवाब मांगेंगे। पटोले ने यह भी कहा कि हम शिंदे – फडणवीस सरकार को निगम कर्मचारियों के मुद्दों को हल करने के लिए बाध्य करेंगे।