Mahayuti government should immediately call a special session of the state legislature on the burning issue of the state: Nana Patole.
Mahayuti government should immediately call a special session of the state legislature on the burning issue of the state: Nana Patole.

मुंबई:वर्तमान में राज्य में मराठा और ओबीसी समुदायों के लिए आरक्षण की मांग काफी जोर पकड़ने लगी है। आरक्षण न मिलने से इन समुदाय से जुड़े लोगों में सरकार के खिलाफ तीव्र नाराजगी और गुस्सा है। ये समुदाय पिछले कई सालों से आरक्षण की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकारी स्तर पर इसके लिए संतोषजनक काम नहीं हो रहा है। वहीँ बारिश की कमी के कारण राज्य के कई हिस्सों में सूखा है।  किसान गहरे संकट में हैं। उन्हें कृषि उपज का सही दाम नहीं मिल रहा है।  राज्य में कई जगहों से भारी मात्रा में नशीले पदार्थों की खेप मिल रही है। राज्य में कानून – व्यवस्था की समस्या भी गंभीर हो गई है।  ये सभी प्रश्न राज्य की जनता के हित में हैं। लोगों को इन मुद्दों पर राज्य विधानमंडल में चर्चा करना बेहद जरूरी है। इसलिए मैं महाराष्ट्र सरकार से  राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध करता हूं ताकि इन ज्वलंत विषयों पर चर्चा हो सके। यह मांग महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) ने की है।  

महाविकास आघाडी के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राजभवन में राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की और अपना ज्ञापन दिया। इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, विधायक कांग्रेस दल के नेता बालासाहेब थोरात, विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे, पूर्व मंत्री डॉ. नितिन राऊत, राजेश टोपे, मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक वर्षा गायकवाड़, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान, बसवराज पाटिल, प्रणीति शिंदे, शिवसेना विधायक रवींद्र वायकर, सुनील प्रभु, प्रदेश महासचिव प्रमोद मोरे, देवानंद पवार समेत अन्य नेता उपस्थित थे।

इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मराठा समाज में असंतोष की भावना है और स्थिति विस्फोटक होती जा रही है। नेताओं के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्रों में घूमना मुश्किल हो गया है। कानून-व्यवस्था खतरे में है।  मराठा समुदाय के युवा आत्महत्या कर रहे हैं। राज्यपाल महोदय केंद्र और राज्य सरकार के बीच की कड़ी हैं।  उन्हें आरक्षण के मुद्दे पर राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री से बात करनी चाहिए और मराठा  आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे पाटिल से भी बात करनी चाहिए और उन्हें आश्वस्त करना चाहिए। जरांगे पाटिल का स्वास्थ्य लगातार खराब होता जा रहा है। इसलिए आघाडी के सभी नेताओं ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वे किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए सरकार से मध्यस्थता करें और समस्या का समाधान करें।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यदि सरकार कोई सकारात्मक समाधान निकालेगी तो हम राजनीतिक मतभेदों को दूर रखकर सहयोग करने को तैयार हैं। लेकिन सरकार में शामिल घटक दल एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं।   राज्य सरकार में शामिल तीनों दलों को अपनी सामूहिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। चूंकि इस सरकार के लोग झूठ बोलने में माहिर हैं। इसलिए राज्य सरकार पर किसी को भरोसा नहीं है।  ऐसे में विशेष सत्र से पहले आरक्षण कानून का मसौदा सार्वजनिक किया जाना चाहिए।  

नाना पटोले ने कहा कि राज्य में सूखा और कृषि की समस्या गंभीर हो गयी है, लेकिन राज्य सरकार किसानों की उपेक्षा कर रही है।  सितंबर महीने से ही राज्य के विभिन्न जिलों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति करनी पड़ रही है और इसमें हर दिन बढ़ोतरी हो रही है।  कम बारिश के कारण राज्य के 24 जिलों में खरीफ की फसलें खराब हो गयी हैं।  जबकि रबी सीजन की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। दिवाली का त्योहार आठ-दस दिन दूर है और किसानों के हाथ खाली हैं।  राज्य सरकार को महाराष्ट्र को सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों को दिवाली के लिए तत्काल सहायता देनी चाहिए, ताकि उनकी दिवाली काली न हो।  

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।  राज्य में कई जगहों से भारी मात्रा में नशीला पदार्थ पाया जा रहा है। युवाओं में इस जहर को फैलाने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।  राज्य में सक्रिय ड्रग माफिया के रैकेट को ध्वस्त करना जरूरी है। इसके अलावा राज्य में महिलाओं और लड़कियों के लापता  होने की दर बढ़ी है।  बेरोजगारी की समस्या भी बहुत बड़ी है। राज्य में लाखों युवा बेरोजगार हैं।  स्वास्थ्य सेवा चरमरा गयी है। सरकारी अस्पताल में नवजात शिशुओं समेत बड़ी संख्या में मरीजों की मौत स्वास्थ्य सेवा पर एक कलंक है। नाना पटोले ने कहा कि ये सभी ज्वलंत प्रश्न राज्य की जनता के हित में हैं और इस पर विधान मंडल में चर्चा बेहद जरुरी है।

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