
कोप्पल (कर्नाटक) : कर्नाटक के कोप्पल जिले के हनुमासागर के पास मियापुरा गांव में एक दलित लड़के के माता-पिता पर 23 हजार रुपये का जुर्माना इसलिए लगाया गया, क्योंकि उनका 2 साल का बेटा हनुमान मंदिर में चला गया था। हालांकि, प्रशासन ने पहले गांव के लोगों को एक साथ बैठाकर मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन दलित परिवारों के उग्र तेवरों को देख आज 5 लोगों को अरेस्ट कर लिया गया। (Karnataka boy of a dalit family entered the temple)
पिता चंद्रू का कहना है कि जुर्माना लगाने की वजह सिर्फ इतनी थी कि उनका दो साल का बेटा हनुमान मंदिर में भगवान का आशीर्वाद लेने के लिए चला गया। 4 सितंबर को बच्चे को उसके पिता उसके जन्मदिन पर हनुमान मंदिर ले गए थे। यहां दलितों को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं है, वे हमेशा बाहर से मंदिर के सामने खड़े होकर प्रार्थना करते हैं। पिता अपने बेटे के साथ बाहर से भगवान की प्रार्थना कर रहा था, लेकिन दो साल का बच्चा भागकर मंदिर के अंदर चला गया।
ऊंची जाति के लोगों को पता चला तो यह एक बड़ा मुद्दा बन गया। ग्रामीणों ने मंदिर में दलित लड़के के प्रवेश के बाद अपवित्र मान लिया। उन्होंने 11 सितंबर को एक बैठक की और माता-पिता से 23 हजार रुपये का जुर्माना भरने को कहा। उनका कहना था कि रकम का इस्तेमाल मंदिर में शुद्धिकरण के लिए किया जाएगा। लेकिन चंद्रू का कहना था कि वह मेहनत मजदूरी करके गुजर बसर कर रहा है। इतनी बड़ी रकम वह कहां से चुकाएगा। उसके समर्थन में गांव के बाकी दलित परिवार भी आ गए और विवाद खड़ा हो गया। जिसके बाद पांच लोगों को अरेस्ट किया गया।
हालांकि, जिला प्रशासन को इस घटना का पता चला तो अधिकारियों को गांव भेज दिया गया। उन्होंने ग्रामीणों के लिए भेदभाव के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। अधिकारियों ने दलित लड़के के माता-पिता पर जुर्माना लगाने के लिए ऊंची जाति के सदस्यों को चेतावनी दी कि अगर वे ऐसा दोहराते हैं तो कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी। कोप्पल के पुलिस अधीक्षक टी. श्रीधर ने बताया कि उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया और लोगों को चेतावनी दी है। उन्होंने लड़के के पिता से माफी मांगी है।
सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने तब एक्शन लिया, जब सोशल वेलफेयर महकमे के असिस्टेंट डायरेक्टर ने दबाव बनाया। उनका मानना था कि प्रशासन के जाते ही गांव के दबंग दलित परिवार को प्रताड़ित करने लग जाएंगे। उनका कहना था कि कोई एक्शन न लेने पर इन लोगों की हिम्मत बढ़ जाएगी। इलाके में इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। लिहाजा पुलिस को ऊंची जाति के लोगों को अरेस्ट करना पड़ा।