नई दिल्ली: किसान आंदोलन का 67वें दिन किसान नेताओं और सरकार के बीच अगली बातचीत की तारीख तय हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद सरकार 2 फरवरी को किसानों के साथ 13वें राउंड की बैठक करेगी। मोदी ने शनिवार को हुई ऑल पार्टी मीटिंग में कहा था कि सरकार किसानों से बात करने के लिए हमेशा तैयार है। किसानों को 22 जनवरी को जो प्रस्ताव दिया गया था, वह अब भी बरकरार है। उन्होंने कहा था कि मैं और कृषि मंत्री किसानों से महज एक फोन कॉल दूर हैं।
इस बीच, गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में गाजीपुर जाने की अपील के बाद यूपी और हरियाणा से किसान वहां पहुंच रहे हैं। ऐहतियातन पुलिस ने सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
22 जनवरी को हुई थी किसानों और सरकार के बीच आखिरी बैठक
22 जनवरी को सरकार और किसान नेताओं के बीच 12वें दौर की बैठक हुई थी। इसके बाद सरकार ने कहा था कि नए कानूनों में कोई कमी नहीं है। आप (किसान नेता) अगर किसी फैसले पर पहुंचते हैं तो बताएं। फिर हम इस पर चर्चा करेंगे। इसके पहले 20 जनवरी को हुई मीटिंग में केंद्र ने डेढ़ साल तक नए कृषि कानूनों को लागू नहीं करने और MSP पर बातचीत के लिए कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा था।
किसान नेता बोले– सरकार हमें उकसाने की कोशिश कर रही
दिल्ली और सिंघु बॉर्डर पर हिंसा के बाद किसान नेताओं ने प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की है। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि हम किसी जंग के लिए नहीं जा रहे हैं। उन्होंने हिंसक प्रदर्शन पर कहा कि सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को भड़काने की साजिश हुई थी, पर किसानों को किसी तरह की हिंसा में शामिल नहीं होना चाहिए।
राजेवाल का बयान सिंघु पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प के बाद आया है, जिसमें एक SHO तलवार के हमले में घायल हो गया था। बीते शुक्रवार कुछ लोग प्रदर्शनकारियों को सिंघु से हटाने के लिए पहुंचे थे। इस विवाद के दौरान हालात संभालने के लिए पहुंची पुलिस पर हमला कर दिया गया था।
राजेवाल ने कहा, ‘किसान आंदोलन का समर्थन करने वालों से हमारी अपील है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें। हमें यह ध्यान में रखना है कि हम किसी जंग में नहीं जा रहे हैं। यह हमारा देश है और हमारी सरकार है। सिंघु पर जो कुछ भी हुआ, उसके पीछे भाजपा और संघ के लोगों का हाथ है। सरकार हमें उकसाने की कोशिश कर रही है।’
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पिछले 6 दिन में 2 बार हुई हिंसा, अब तक 38 FIR और 84 गिरफ्तार
26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में लाल किला समेत कई जगहों पर हिंसा हुई थी। इसके बाद 29 जनवरी को सिंघु बॉर्डर पर भी पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस मामले में अब तक 44 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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ट्रैक्टर रैली की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने रैली शामिल ट्रैक्टरों के रजिस्ट्रेशन नंबर और मोबाइल कॉल डेटा की पड़ताल की है। पुलिस को हिंसा से संबंधित 1700 वीडियो क्लिप और CCTV फुटेज भी मिल हैं। अब तक दिल्ली पुलिस ने 38 FIR दर्ज की हैं और 84 लोगों को गिरफ्तार किया है। सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट सर्विस 31 जनवरी की रात 11 बजे तक बंद कर दी है।
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