लखनऊ l मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ yogi adityanath की अध्यक्षता में हुई यूपी कैबिनट ने शादी के लिए अवैध धर्मांतरण रोधी कानून के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी cabinet-passed-ordinance। मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि आज उत्तर प्रदेश कैबिनेट ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020’ लेकर आई है। जो उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है।
बता दें कि यूपी के गृह विभाग ने लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित कानून का मसौदा पहले ही तैयार कर लिया था। इस मसौदे को परीक्षण के लिए विधायी विभाग को भी भेज दिया गया था। हालांकि विभाग ने कानून का जो मसौदा तैयार किया है उसमें ‘लव जिहाद’ शब्द का जिक्र नहीं है। इसे गैर कानूनी धर्मांतरण निरोधक बिल कहा जा रहा है।
मंगलवार की सुबह यूपी कानून आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल ने भी कहा कि दो अलग-अलग धर्म के लोग आपस में शादी कर सकते हैं लेकिन नए कानून में व्यवस्था अवैध रुप से धर्मांतरण को लेकर है। इसमें 3 साल, 7 साल और 10 साल की सजा का प्रावधान है। नए कानून के जरिए अवैध रुप से धर्मांतरण कर शादी करने पर रोक लगेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों कथित ‘लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने का ऐलान किया था। उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने कानून विभाग को लव जेहाद के खिलाफ सख्त कानून लाने का प्रस्ताव हाल में भेजा था। सख्त कानून की आवश्यकता पर जोर देते हुए कानून मंत्री बृजेश पाठक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा था, “राज्य में ऐसे मामलों में वृद्धि हुई है, जो सामाजिक शर्मिंदगी और दुश्मनी का कारण बने हैं।
इन मामलों से माहौल खराब हो रहा है इसलिए एक सख्त कानून समय की जरूरत है। पिछले महीने जौनपुर और देवरिया में हुए उपचुनावों के लिए रैलियों को संबोधित करते हुए, योगी ने कहा था कि उनकी सरकार ‘लव जिहाद’ से निपटने के लिए एक कानून लेकर आएगी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अभी हाल में फैसला दिया था कि सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि था, जो लोग नाम छिपाकर बहू बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ करते हैं, अगर वे नहीं सुधरे तो राम नाम सत्य की उनकी अंतिम यात्रा निकलने वाली है। उन्होंने कहा था कि लव जिहाद में शामिल लोगों के पोस्टर चौराहों पर लगाए जाएंगे।