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नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस Republic Day पर निकाली गई किसान ट्रैक्टर रैली Kisan Tractor Rally के दौरान हुई हिंसा को लेकर किसान नेताओं पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. किसान नेताओं पर आरोप लग रहा है कि उनके ही कुछ साथी ट्रैकर रैली के दौरान बेहद आक्रामक हो उठे, जिन्हें रोका नहीं जा सका. इस बीच किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका आंदोलन आगे भी जारी रहेगा.

भारतीय किसान यूनियन Bharatiya Kisan Union के नेता बलबीर एस राजेवाल ने कहा है कि हम शहीद दिवस पर किसानों के आंदोलन की ओर से पूरे भारत में पब्लिक रैली करेंगे. इस दौरान हम एक दिन का उपवास भी रखेंगे. पहली फरवरी को संसद में हमारा मार्च इसी कारण (कल की हिंसा) के लिए स्थगित हो गया है.

स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव Yogendra Yadav ने कहा कि आंदोलन कोई कन्सर्ट नहीं है, जहां पर प्राइज मिलता है. आंदोलन एक संघर्ष है, जहां केस, एफआईआर जैसा प्राइज मिलता है. हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि कल जो हुआ उसमें जो दो संगठन और व्यक्ति का नाम आया है, उससे संयुक्त किसान मोर्चा का कोई संबंध नहीं है. हमने जो आयोजन किया था, उसमें जो घटना हुई, वह ठीक नहीं है.

’30 जनवरी को हम एक दिन का व्रत रखेंगे’

उन्होंने कहा, “25 तारीख को जो शख्स वीडियो बनाकर बोल चुका था कि मैं SKM की बात नहीं मानूंगा. लाल किला पर जो बेअदबी हुई, हम उसकी नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं. आंदोलन था, है, रहेगा. 30 जनवरी को हम एक दिन का व्रत रखेंगे.”

योगेंद्र यादव ने कहा कि कल की परेड कई मायनो में सफल रही. लेकिन कुछ घटना ठीक नहीं रही. हम इसकी निंदा करते हैं. दीप सिद्धु की फोटो सनी देओल के साथ है. हम दीप सिद्धु के सामाजिक बहिष्कार की मांग करते है.

‘…और पुलिस की एक गोली भी न चले’

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा, “कल दिल्ली में ट्रैक्टर रैली काफी सफलतापूर्वक हुई. अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार रहा है. कोई लाल किले पर पहुंच जाए और पुलिस की एक गोली भी न चले. यह किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश थी. किसान आंदोलन जारी रहेगा. हमारा प्रोग्राम बहुत सफल हुआ है. हमारे लोग बिना किसी को हानि पहुंचाए शाम 6 बजे तक वापस लौटै.”

‘किसान आंदोलन को पहले दिन से ही बदनाम करना शुरू’

अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा, “किसान आंदोलन को पहले दिन से ही बदनाम करना शुरू किया गया. 70 करोड़ किसान जो मेहनत कर देश को अन्न देता है वह देशद्रोही है, इस तरह देशद्रोही बोलने की हिम्मत किसकी होती है, जो देशद्रोही होता है, वही किसानों को देशद्रोही बोलता है.”

 उनको कैसे रोकते’

भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के अध्यक्ष गुरुनाम सिंह चढूनी ने कहा, “उनका क्या दावा है मुझे नहीं पता. लेकिन हमने पहले ही कहा था कि हम लाल किला नहीं जाएंगे. वो लोग 7 बजे निकले, हम 10 बजे निकले. वो हमसे 3 घण्टे पहले निकाल दिए गए तो हम उनको कैसे रोकते. जो बेरिकेड्स था वो भी नहीं हटाया था.”

  

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