हम दातों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते। अपने देश में तो लापरवाही कुछ ज्यादा ही है। इस सिलसिले में किए गए एक शोध के मुताबिक तकरीबन 95 फीसद भारतीयों में मसूढ़ों की बीमारी है, 50 फीसद लोग टूथब्रश का उपयोग नहीं करते और 15 वर्ष से कम उम्र के 70 फीसद बच्चों के दांत खराब हो चुके हैं। साफ है कि दांतों की न सिर्फ देखभाल बहुत जरूरी है बल्कि इससे पहले दांतों के बारे में कुछ जानकारियां भी हमें होनी चाहिए।
दांतों की सफाई
अकसर हम दांतों पर जमने वाली मैल को लेकर चिंतित तो रहते हैं पर इसे दूर करने के लिए क्या करना है इस बारे में जरूरी मालोमात नहीं रहती है। दरअसल, दांत की मैल जीवाणु की एक पतली, लसलसी परत है जो कि आपके दांतों पर निरंतर बनती रहती है।
जब आप शर्करा और स्टार्च सेयुक्त खाद्य पदार्थों को खाते हैं तो दांत की मैल के जीवाणु अम्ल उत्पन्न करते हैं, जो कि दांतों की ऊपरी परत पर हमला बोलते हैं।
दांत की मैल की चिपचिपाहट इन अम्लों को आपके दांतों के संपर्क में बनाए रखती है। अम्ल के निरंतर हमले के बाद, दांतों की ऊपरी परत यानी ‘इनामेल’ टूट जाती है,
जिससे दांतों में छेद या ‘कैविटी’ का निर्माण होता है। दांतों की मैल अगर ब्रश करके नहीं हटाई जाती तो यह सख्त होकर कोई ऐसी चीज बन सकती है जिसे कि पथरी यानी ‘कैल्क्युलस ‘ कहा जाता है।
मसूढ़ों की मजबूती
अपने दांतों के चारों ओर से मैल और भोजन के कतरों को निकालना जरूरी है क्योंकि इससे आपके मसूढ़ों में होने वाली जलन और सूजन रुक जाएगी और वे संक्रमित नहीं होंगे।
अगर आप दांत की मैल को अपने दांतों पर बने रहने देते हैं तो वह सख्त होकर तातार बन सकती है, जिसे केवल दंत चिकित्सकों के द्वारा ही निकाला जा सकता है।
दांतों की देखभाल के मामले में यह भी जरूरी है कि आप नियमित रूप से अपने दांतों की जांच करवाने के लिए जाएं ताकि आवश्यक होने पर आपके दांतों की पूरी तरह से सफाई हो सके।
कुछ और अहम बातें
• आपकी दंत टीम आपके लिए उपयुक्त टूथब्रश की अनुशंसा कर सकेगी। फिर भी वयस्कों को छोटे से मंझोले आकार के सिरों वाले ब्रश का चुनाव करना चाहिए।
दांतों की देखभाल के लिए सबसे जरूरी है कि आप रोजमर्रा की अपनी आदतों में इसे शामिल करें। मसलन, फ्लोराइड दंत मंजन से रात में सोते समय और दिन के समय कम से कम और एक बार अपने दांतों को ब्रश से अवश्य साफ करें।
• दिन में कम से कम एक बार अंतर-दंतीय ब्रशों या दंत-धागे से दांतों के बीच सफाई करें। मीठे खाद्य और पेय पदार्थों का बार-बार सेवन करने से बचें और दांतों की नियमित रूप से जांच कराएं।
• यदि मसूढ़ों में सूजन हो या खून आ जाए तो दंत विशेषज्ञ से मिलें। दांतों की जांच हर छह महीने में जरूर कराएं।–
• विशेषज्ञ की मदद से अपने दांतो की जानकारी हासिल करें और उपचार करें
यह भी पढें : पीएम आवास: PMAY के तहत नहीं मिल पा रही है सब्सिडी! कहीं ये गलती तो नहीं की
यह भी पढें : Ford की कार खरीदनी है तो अभी है सही मौका, जनवरी से 35000 रु तक बढ़ जाएंगी कीमतें
यह भी पढें : SSC Recruitment 2020: आखिरी तारीख से पहले 4726 पदों के लिए करें आवेदन, पूरी डिटेल्स