नई दिल्ली: भारत में अब तक ओमीक्रॉन (Omicron Variant) पांच राज्यों में पैर पसार चुका है और इसके कुल मिलाकर अब तक 32 मामले हो गए हैं. इसी बीच राहत की बात ये है कि सभी मामलों में मुख्य रूप से हल्के लक्षण देखें गए हैं.स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, दो मामले गुजरात के जामनगर में जबकि सात नए केस महाराष्ट्र में पाए गए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि हमें अपनी और आसपास के लोगों की कोविड-19 से रक्षा करने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ओमीक्रॉन के मामले सभी वेरिएंट के मामलों के 0.04 प्रतिशत से भी कम हैं. सभी मामले में हल्के लक्षण देखे गए हैं. उन्होंने कहा कि चिकित्सीय रूप से ओमीक्रॉन से स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था पर अभी तक बोझ नहीं पड़ रहा है लेकिन सावधानी बरतनी होगी.
भारत में अब तक ओमीक्रॉन (Omicron Variant) पांच राज्यों में पैर पसार चुका है और इसके कुल मिलाकर अब तक 32 मामले हो गए हैं. इसी बीच राहत की बात ये है कि सभी मामलों में मुख्य रूप से हल्के लक्षण देखें गए हैं.स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, दो मामले गुजरात के जामनगर में जबकि सात नए केस महाराष्ट्र में पाए गए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि हमें अपनी और आसपास के लोगों की कोविड-19 से रक्षा करने के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ओमीक्रॉन के मामले सभी वेरिएंट के मामलों के 0.04 प्रतिशत से भी कम हैं. सभी मामले में हल्के लक्षण देखे गए हैं. उन्होंने कहा कि चिकित्सीय रूप से ओमीक्रॉन से स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था पर अभी तक बोझ नहीं पड़ रहा है लेकिन सावधानी बरतनी होगी.
गुजरात में तीन नए केस
महाराष्ट्र में (17) और राजस्थान में 9 अब तक ओमीक्रॉन के सबसे अधिक मामले दर्ज किए हैं, गुजरात में तीन, कर्नाटक में दो और दिल्ली में ऐसा एक मामला है.पिछले सप्ताह में कुल मामलों में से 52% केरल से सामने आए हैं.लगातार 14 दिनों तक दैनिक मामले 10,000 से कम10 हजार से अधिक सक्रिय मामलों वाले केवल दो राज्य केरल और महाराष्ट्र हैं.तीन राज्यों के आठ जिलों में 5 से 10% के बीच 19 जिलों में साप्ताहिक कोविड सकारात्मकता 10% से अधिक है.सभी पीड़ित नाइजीरिया से आई भारतीय मूल की 3 महिलाओं के संपर्क में आए थे, जिनमें पहले इस संक्रमण की पुष्टि हुई थी.
मास्क में ढिलाई करना खतरनाक
वहीं नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में ‘इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मीट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन’ के आकलन का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि देश में मास्क का इस्तेमाल कोरोना वायरस की दूसरी लहर आने के पहले की अवधि की तुलना में कम हो गया है. यह अपने आप में बहुत खतरनाक है.
दोनों डोज जरूर लगवाएं
वी के पॉल ने कहा, ‘हम आपको आगाह करते हैं कि अभी मास्क हटाने का वक्त नहीं आया है. इस तरीके से हम फिर से खतरे की स्थिति में आ गए हैं. सुरक्षा क्षमता के नजरिए से हम निचले, जोखिम भरे और अस्वीकार्य स्तर पर हैं. हमें यह याद रखना होगा कि टीके की दोनों खुराक और मास्क अहम हैं.’ डॉक्टर वी के पॉल ने कहा कि देश के जिन इलाकों में कोरोना (Coronavirus) के ज्यादा मामले आ रहे हैं. वहां के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.