नवी दिल्ली: काँग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। आजाद ने अपना इस्तीफा अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा है। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने उन्हें जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया था, लेकिन आजाद ने 2 घंटे बाद ही इससे इस्तीफा दे दिया था।
गुलाम नबी आझाद ने कांग्रेस के नेतृत्व पर कई सावल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि, ‘पार्टी का नया अध्यक्ष भी कठपुतली ही होगा. पार्टी पर सभी बड़े नेताओं को किनारे करने का भी आरोप नबी ने लगाया है.’
राहुल जिम्मेदार
पार्टी से इस्तीफे में गुलाम नबी ने पार्टी की दुर्दशा के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने राहुल के नेतृत्व को भी बचकाना कहा है. उन्होंने कहा कि, ‘राहुल गांधी ने पार्टी के अंदर बात रखने की जगह भी नहीं छोड़ी है. पार्टी में नए अध्यक्ष के चुनाव का खेल हो रहा है.’
जिम्मेदारी से किया था इनकार
इससे पहले 16 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को केंद्र शासित प्रदेश में पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख नियुक्त किया, लेकिन आजाद ने प्रस्ताव को ठुकरा दिया. जम्मू और कश्मीर में संगठन में सुधार के तौर पर गांधी ने आज़ाद के करीबी माने जाने वाले विकार रसूल वानी को अपनी जम्मू-कश्मीर इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया.
पार्टी ने दोबारा नहीं भेजा उच्च सदन में
आजाद कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के प्रमुख सदस्य हैं. यह समूह पार्टी नेतृत्व का आलोचक रहा है और एक संगठनात्मक बदलाव की मांग करते आया है. आजाद को राज्यसभा से सेवानिवृत्त होने के बाद दोबारा उच्च सदन में नहीं भेजा गया था. कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता रमन भल्ला को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. पूर्व पीडीपी नेता तारिक हामिद कर्रा को अभियान समिति के उपाध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है.