नई दिल्ली l कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एडीआर की हालिया रिपोर्ट को लेकर आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा. रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले वित्तीय वर्ष में BJP के राजनीतिक चंदे में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी की 2019-20 के दौरान आय 3,623.28 करोड़ रुपए थे.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि पार्टी ने इस टाइम पीरियड के दौरान 1,651.022 करोड़ रुपये यानी 45.57 फीसदी खर्च किए. राहुल गांधी बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, COVID-19 टीकों और घटती अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं. राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि BJP की आय 50 फीसदी बढ़ी है और आपकी?
विपक्षी दल कांग्रेस की घटी इनकम
एडीआर की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसी टाइम पीरियड में विपक्षी दल कांग्रेस को 682.21 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले, जो BJP से पांच गुना कम है, हालांकि रिपोर्ट कहती है कि इस दौरान कांग्रेस ने अपना खर्च 998.158 करोड़ रुपये बढ़ा दिया. रिपोर्ट से पता चला है कि 2018-19 और 2019-20 के बीच बीजेपी की आय 50 प्रतिशत या 1,213.20 करोड़ रुपये बढ़ी. ये 2,410.08 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,623.28 करोड़ रुपये हो गई. वहीं कांग्रेस पार्टी की आय 2018-19 में 918.03 करोड़ रुपये से लगभग 25 प्रतिशत घटकर 2019-20 में 682.21 करोड़ रुपये हो गई.
NCP की आय से सबसे बड़ा उछाल
वहीं सबसे दिलचस्प बात शरद पवार की NCP के लिए भी है, जिसने वित्त वर्ष 19-20 के दौरान 85.583 करोड़ रुपये की आय हासिल की. आय में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी NCP की ही हुई है. वित्त वर्ष 18-19 में NCP की आयव50.71 करोड़ रुपये थी. इस तरह NCP की आय में 68.77 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
BJP’s income rose by 50%.
And yours?BJP की आय 50% बढ़ गयी।
और आपकी? pic.twitter.com/Q5HEISACDJ— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 28, 2021
नौकरी में आरक्षण पर राहुल का सवाल
इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को नौकरी में आरक्षण को लेकर सरकार के समक्ष सवाल उठाया और पूछा कि जब नौकरी ही नहीं रहेगी तो इसका क्या उपयोग रह जाएगा? कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने नए कृषि कानूनों को लेकर भी सरकार पर हमला किया और इन्हें वापस लेने की मांग की. राहुल गांधी ने ”इंडिया ऑन सेल” हैशटेग के साथ ट्वीट किया, ” ‘मित्रि’करण की सूनामी. न रोज़गार है और न आने वाले सालों में होगा तो आरक्षण का क्या मतलब?