नई दिल्ली: देश में जल्द ही बच्चे के बर्थ सर्टिफिकेट के साथ ही उन्हे आधार एनरॉलमेंट की सुविधा (Birth Certificate and Aadhaar enrollment facility) दी जाएगी. यानी अब बच्चे के जन्म के साथ ही उसे आधार नंबर मिल जाएगा. फिलहाल यह सुविधा देश के 16 राज्यों में बतौर ट्रायल दी जा रही है और जल्द ही इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा. इस योजना के तहत मिलने वाले आधार नंबर पर माता-पिता को अपने बच्चे के 5 साल और 15 साल की उम्र होने पर उसका बायोमैट्रिक डेटा अपडेट कराना होगा.
5 साल से कम उम्र के बच्चों का बायोमैट्रिक डेटा नहीं लिया जाता
बच्चे को मिलने वाले इस आधार नंबर को माता-पिता के UID से जोड़ा जाएगा, क्योंकि 5 साल से कम उम्र के बच्चों का बायोमैट्रिक डेटा नहीं लिया जा सकता है. 16 राज्यों में आधार लिंक्ड बर्थ रजिस्ट्रेशन स्कीम पिछले एक साल से चल रही है. इसमें दूसरे राज्यों को भी जोड़ा जा रहा है. सरकार ने उम्मीद जताई है कि अगले कुछ महीनों में सभी राज्यों में यह सुविधा शुरू हो जाएगी. इससे उन लोगों को आसानी होगी जिनके घर में किसी बच्चे का जन्म हुआ हो.
कंप्यूटर आधारित प्रणाली की जरूरत
अब उद्देश्य यह सुनिश्चित करने का है कि जन्म प्रमाण-पत्र के साथ ही बच्चे का आधार भी जारी कर दिया जाए. इसके लिए यूआईडीएआई भारत के महापंजीयक (Registrar General Of India) के साथ काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के लिए जन्म पंजीयन की कंप्यूटर आधारित प्रणाली की जरूरत है और जिन राज्यों में यह उपलब्ध है उनमें यह सुविधा शुरू की जा रही है.
आधार कार्ड क्या है?
आधार कार्ड एक जरूरी दस्तावेज है. इसमें एक 12 नंबर का यूनीक आईडेंटिफिकेशन कोड होता है. सरकारी योजना का लाभ लेने से लेकर बच्चे के एडमिशन तक के लिए आधार नंबर मांगा जाता है. आधार कार्ड में आपके नाम, पता और फोन नंबर से लेकर बायोमैट्रिक तक की डिटेल्स होती हैं. यह सुविधा जनवरी, 2009 में शुरू की गई थी, जब UIDAI की स्थापना हुई थी.