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Manish Sisodia will be in ED custody for 7 days: दिल्ली की एक कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की 7 दिन की हिरासत में भेज दिया. ये मामला अब रद्द की जा चुकी आबकारी नीति (Delhi Liquor Policy) में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है. इससे पहले सिसोदिया को 26 फरवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गिरफ्तार किया था और उन्हें 20 मार्च तक न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया गया था. दूसरी ओर कोर्ट का निर्णय आने के बाद आम आदमी पार्टी ने प्रेस कांफ्रेस करते हुए भाजपा के ऊपर भी कई आरोप लगाए.

ED के वकील का क्या है कहना?
केंद्रीय एजेंसी की ओर से पेश वकील जोहेद हसन ने कहा कि हम उनका (मनीष सिसोदिया) सामना अन्य लोगों से कराना चाहते हैं, जिन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है. इसके लिए कुछ अधिकारियों को तलब किया गया है. इस कारण हम 10 दिन की मांग रहे हैं. वहीं सिसोदिया के वकील दयान कृष्णन ने तर्क दिया कि मनी लॉन्ड्रिंग में आपसे कुछ छुपाने उम्मीद की जाती है… यह हास्यपद है कि उनके पास से एक रुपया भी नहीं मिला.
आप ने भाजपा पर लगाया यह आरोप
जैसे ही ये खबर बाहर आई कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की 7 दिन की हिरासत में भेज दिया गया है, आम आदमी पार्टी में प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा के ऊपर जमकर हमला बोला. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि नफरत से भरे PM Modi का मकसद है कि किसी भी तरह मनीष सिसोदिया को जेल में रखो. मोदी जी देश को बताएं कि इतनी छापेमारी के बाद भी उन्हें मनीष जी के पास से क्या मिला? जब मनीष जी को कोर्ट से 10 मार्च को बेल मिलनी थी तो ED को जगाया जाता है और ED उन्हें गिरफ़्तार कर लेती है. इसके अलावा संजय सिंह ने कहा कि और जहां रिकवरी होती है वहां CBI-ED आंखें मूंद लेती है और Ghajini Mode में चली जाती हैं.


जनवरी में हरकत में आया था ईडी
ईडी का मामला पिछले साल अगस्त में दर्ज सीबीआई की एक प्राथमिकी के बाद सामने आया. जनवरी में, ईडी ने एक चार्जशीट दायर की गई और दावा किया गया कि आप के शीर्ष नेताओं द्वारा अवैध धन उगाही करने के लिए आबकारी नीति बनाई गई थी. इसके बाद मामला बढ़ता ही गया और सीबीआई अधिकारियों द्वारा आठ घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया. उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्होंने दिल्ली सरकार से इस्तीफा दे दिया.

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