नई दिल्ली: Gujarat riots case मे सुप्रीम कोर्ट ने एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) को अंतरिम जमानत दे दी है. तीस्ता को 2002 गोधरा कांड मामले से जुड़े निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित रूप से सबूत गढ़ने के आरोप में गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था. शुक्रवार को देश की सबसे बड़ी अदालत ने मामले में उन्हें राहत दी है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष शनिवार की कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद तीस्ता को सशर्त रिहा कर दिया जाएगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक मामला गुजरात हाईकोर्ट में विचाराधीन है तब तक तीस्ता को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया उदय उमेश ललित की अगुआई वाले खंडपीठ ने तीस्ता को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. उनके साथ इस खंडपीठ में जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और सुधांशु धूलिया भी शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और तीस्ता सीतलवाड़ की ओर से वकील कपिल सिब्बल दलील पेश कर रहे थे. दोनों की दलीले सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि मामले में आरोपी एक महिला, 25 जून 2022 से हिरासत में है.
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू के अनुरोध पर, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले के अन्य आरोपियों को सीतलवाड़ को दी गई राहत का लाभ नहीं मिल सकेगा. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अंतरिम जमानत की राहत अपीलकर्ता को कुछ खास तथ्यों के आधार पर दी गई है, जिसमें एक तथ्य यह भी है कि वह एक महिला हैं.
मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने 2 सवाल पूछे. पहला, जांच एजेंसियों को पूछताछ में क्या मिला ?. दूसरे सवाल में पूछा कि कितने दिनों तक आपने उनसे पूछताछ की है? गुजरात के सॉलिसिटर जनरल मेहता ने बताया कि अब तक 7 दिनों की पूछताछ की आरोपी से की गई है, लेकिन महिला पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही हैं. इस पर कोर्ट ने तीस्ता को जांच एजेंसियों का सहयोग करने के लिए कहा है.