मुंबई : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास देश के ज्वलंत सवालों का कोई जवाब नहीं है, इसलिए वह जानबूझकर धार्मिक मुद्दों को हवा दे रही है। मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव से पहले भाजपा,आतंकी याकूब मेमन की कब्र का मुद्दा उठाकर धार्मिक माहौल खराब करने का काम कर रही है । भाजपा पर यह आरोप प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने लगाया है।
उन्होंने भाजपा से सुलगता सवाल किया है।लोंढे ने कहा कि साल 2015 में भाजपा सरकार ने आतंकी याकूब मेमन का शव उसके परिवार को दे दिया और सभी ने देखा कि उसका अंतिम संस्कार किया गया था। उन्होंने पूछा है कि भाजपा को जब मेमन से इतनी ही नफरत थी तो उन्होंने एक आतंकी का शव उसके परिवार को क्यों दिया। लोंढे ने कहा कि बीजेपी को इसका जवाब देना चाहिए।
इस संबंध में आगे बोलते हुए अतुल लोंढे ने कहा कि किसी भी आतंकवादी का शव परिजनों को नहीं दिया जा सकता है। कांग्रेस सरकार के दौरान आतंकवादी अफजल गुरु और मुंबई हमले के आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी दिए जाने के बाद इन दोनों के शवों को अज्ञात स्थान पर दफनाया गया था। कांग्रेस ने एहतियात बरती थी ताकि समाज में चरमपंथियों की कद्र न हो।
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हालांकि भाजपा सरकार ने 2015 में आतंकी याकूब मेमन का शव उसके परिवार को सौंप दिया था। भाजपा के तत्कालीन सांसद शत्रुघ्नन सिन्हा और वरुण गांधी ने भी याकूब मेमन को फांसी न देने की चिट्ठी लिखी थी। क्या इसके लिए बीजेपी माफी मांगेगी। साथ ही जब शव को दफनाया जाता है तो तीन साल के बाद वहां खुदाई की जाती है, कब्र खोदी जाती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भाजपा को जवाब देना चाहिए कि ये किसके आशीर्वाद से हुआ है।
अतुल लोंढे ने कहा कि कुख्यात आतंकवादी मसूद अजहर को भाजपा सरकार द्वारा सरकारी सुरक्षा में अफगानिस्तान में रिहा कर दिया गया था। भाजपा सरकार के दौरान संसद पर भी हमला हुआ था। पठानकोट हमले के बाद भाजपा सरकार ने ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को जांच के लिए भारत आने का न्यौता दिया था। लोंढे ने यह भी कहा कि इन सब उदाहरणों को देखने के बाद भाजपा द्वारा आतंकवाद पर बात करना पूरी तरह से हास्यास्पद है।