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काबुल  15 अगस्त को काबुल पर कब्‍जा करने के 20 दिनों के बाद तालिबान नेे अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान कर दिया है। इस बीच बड़ा बदलाव यह हुआ है कि पहले खबर थीं कि मुल्ला बरादर तालिबान की सरकार का चेहरा होंगे, लेकिन अब मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद (Mullah Mohammad Hassan Akhund) को अफगानिस्तान (Afghanistan) की कमान मिली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें पीएम बनाया गया है। 33 मंत्रियों की कैबिनेट होगी, जिसमें कोई महिला नहीं होगी।

मुल्ला बरादर और मौलवी हन्‍नाफी को हसन अखुंद के डिप्टी पीएम की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं हक्कानी नेटवर्क के सिराज हक्कानी को भी आंतरिक मंत्रालय दिया गया है। मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्री बनाया गया है। खैरउल्लाह खैरख्वा को सूचना मंत्री का पद दिया गया है। अब्दुल हकीम को न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। शेर अब्बास स्टानिकजई को डिप्टी विदेश मंत्री बनाया गया है। वहीं जबिउल्लाह मुजाहिद को सूचना मंत्रालय में डिप्टी मंत्री की कमान दी गई है।

हैबतुल्ला अखुंजादा ने किया नाम प्रस्‍तावित

जानकारी के मुताबिक, अमीरुल मोमिनीन शेख शेख हैबतुल्ला अखुंजादा ने खुद मुल्ला हसन अखुंद का नाम रईस-ए-जम्हूर, या रईस-उल-वजार के लिए प्रस्तावित किया है। वहीं मुल्ला बरादर और मुल्ला अबदुस सलाम उनके डिप्टी के तौर पर काम करेंगे। शेख हैबतुल्ला अखुंजादा खुद अफगान के सुप्रीम लीडर होंगे।

मुल्ला हसन करीब 20 साल से शेख हैबतुल्ला अखुंजादा के करीबी रहे हैं। इसी वफादारी का इनाम मिला है। तालिबान के अन्य नेता के अनुसार, मुल्ला हसन पिछले 20 सालों से रहबारी शूरा की तरह काम देख रहे हैं। इसलिए तालिबान लड़के उनकी काफी इज्जत भी करते हैं। बताया जाता है कि फिलहाल मुल्ला हसन को उनके चरित्र और भक्ति भाव के लिए ही जाना जाता है। साथ ही वह सैन्‍य पृष्‍ठभूमि से ना होकर धार्मिक नेता के तौर पर ज्यादा मशहूर हैं।

ये है तालिबान की अंतरिम सरकार की पूरी लिस्ट

अखुंद के उप प्रधानमंत्री – मुल्ला बरादर

गृह मंत्री – सिराजुद्दीन हक्कानी

रक्षा मंत्री – मौलवी मोहम्मद याकूब

विदेश मंत्री – मौलवी आमिर खान मुतक्की

सेना प्रमुख – मुल्ला फजल अखुंद सेना प्रमुख

डिप्टी चीफ ऑफ इंटेलिजेंस – मुल्ला ताज मीर जवाद

नेशनल डायरेक्टोरेट ऑफ सिक्योरिटी के प्रमुख – मुल्ला अब्दुल हक वासिक

शरणार्थी मामलों के मंत्री – खलीलउर्रहमान हक्कानी

रहबारी शूरा के मुखिया हैं मुल्ला हसन अखुंद

मुल्ला हसन अखुंद इस वक्‍त रहबारी शूरा के मुखिया हैं। रहबारी शूरा तालिबान की सबसे शक्तिशाली निर्णय लेने वाली संस्था है। मुल्ला हसन अखुंद का जन्म कंधार में हुआ है। सशस्त्र आंदोलन की शुरुआत करने वाले लोगों में मुल्ला हसन शामिल थे। हसन का नाम संयुक्‍त राष्‍ट्र की आतंकी सूची में भी शामिल है।

  तालिबान के कई धड़ों में विवाद की थीं खबरें

तालिबान सरकार की कमान को लेकर तालिबान के दोहा गुट, कंधार गुट और आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के बीच विवाद की खबरें थीं। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की मदद से तालिबान के ऐसे सदस्य को सरकार की कमान सौंपी जा सकती है, जो ज्यादा बड़ा नाम नहीं हो। पिछले दिनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के मुखिया लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद के काबुल दौरे के दौरान मुल्ला हसन अखुंद के नाम पर सहमति बनी थी।

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