
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री (Prime Minister) के पंजाब दौरे (Punjab Visit) से जुड़ी घटनाओं के बारे में गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के 5 जनवरी के प्रस्तावित पंजाब के दौरे की खबर मिलने पर संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े 10 किसान संगठनों ने अजय मिश्र टेनी की गिरफ्तारी और अन्य बकाया मांगों को लेकर उनका प्रतीकात्मक विरोध करने का ऐलान किया था. इस उद्देश्य से 2 जनवरी को पूरे पंजाब में गांव स्तर पर और 5 जनवरी को जिला और तहसील मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन और पुतला दहन के कार्यक्रम घोषित किए गए थे.
साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा रोकने या उनके कार्यक्रम में अड़चन डालने का कोई कार्यक्रम नहीं था. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 5 जनवरी को पंजाब के हर जिले और तहसील मुख्यालय पर शांतिपूर्ण विरोध किया गया.
जब पुलिस प्रशासन की ओर से कुछ किसानों को फिरोजपुर जिला मुख्यालय जाने से रोका गया तो उन्होंने कई जगह सड़क पर बैठ कर इसका विरोध किया, इनमें से प्यारेयाणा का वो फ्लाईओवर भी था जहां प्रधानमंत्री का काफिला आया, रुका और वापस चला गया. वहां के प्रदर्शनकारी किसानों को इसकी कोई पुख्ता सूचना नहीं थी कि प्रधानमंत्री का काफिला वहां से गुजरने वाला है. उन्हें तो प्रधानमंत्री के वापस जाने के बाद मीडिया से ये सूचना मिली.
‘प्रधानमंत्री की जान को खतरा होने की बात बिल्कुल मनगढ़ंत’
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि मौके के वीडियो से ये स्पष्ट हो जाता है कि प्रदर्शनकारी किसानों ने प्रधानमंत्री के काफिले की तरफ जाने की कोई कोशिश तक नहीं की. बीजेपी का झंडा उठाए नरेंद्र मोदी जिंदाबाद बोलने वाला एक समूह ही उस काफिले के नजदीक पहुंचा था, इसलिए प्रधानमंत्री की जान को खतरा होने की बात बिल्कुल मनगढ़ंत लगती है.
Some farmers were stopped by police from going to Ferozepur Dist HQ, they protested by sitting on road at many places. Of these, was that flyover too where PM’s convoy came,stopped & went back. Farmers there had no concrete info that the PM’s convoy was going to pass through: SKM
— ANI (@ANI) January 6, 2022
साथ ही कहा कि ये बहुत अफसोस की बात है कि अपनी रैली की विफलता को ढकने के लिए प्रधानमंत्री ने किसी तरह जान बची का बहाना लगाकर पंजाब प्रदेश और किसान आंदोलन दोनों को बदनाम करने की कोशिश की है.
सारा देश जानता है कि अगर जान को खतरा है तो वो किसानों को अजय मिश्र टेनी जैसे अपराधियों के मंत्री बनकर छुट्टा घूमने से है. संयुक्त किसान मोर्चा देश के प्रधानमंत्री से ये उम्मीद करता है कि वो अपने पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए ऐसे गैर जिम्मेदार बयान नहीं देंगे.