नई दिल्ली : कृषि कानून farm laws पर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन Farmers Protest जारी है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Narendra Modi ने नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी आंदोलन के बीच कई राज्यों के किसानों से बात की. वहीं उन्होंने कहा कि कृषि कानून को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है. पीएम के भाषण से किसान नेता नाखुश नजर आ रहे हैं, क्योंकि उनका कहना है कि सरकार बातचीत के लिए तो कह रही है, लेकिन एजेंडे में कानूनों को वापस लेने की बात नहीं कर रही है.
प्रधानमंत्री के संबोधन पर भारतीय किसान यूनियन BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत Rakesh Tikait ने आईएएनएस से कहा कि, “इस मसले का हल तो प्रधानमंत्री और भारत सरकार को ही निकालना है, कोई विपक्ष या राहुल गांधी को नहीं.
एक महीना हो गया है और किसान घर वापस नहीं जाएंगे, पहले बैठ कर समझौता करो और कानून वापस लो.” राकेश टिकैत ने आगे कहा कि, “कृषि कानून पर बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन ये तो नहीं बोले कि हम कृषि कानून वापस ले लेंगे. हम भी बात करने को तैयार हैं, लेकिन वो कंडीशन लगा रहे हैं कि वापस नहीं लेंगे.”
“बॉर्डर पर बैठे किसानों के साथ बैठकर सुलझाया जाए मसला”
उन्होंने कहा कि “किसानों को कोई गुमराह नहीं कर रहा है, यहां सिर्फ किसान का मकसद है कि एमएसपी पर कानून बने और इन कृषि कानूनों को रद्द करें.” टिकैत ने कहा कि “प्रधानमंत्री ने किसानों का नाम लिया है. दिल्ली की सीमाओं पर किसान बैठे है. सभी के साथ बैठ कर इस मसले को सुलझाया जाए.”
दरअसल शुक्रवार को पीएम किसान सम्मान निधि PM-KISAN के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर देश के नौ करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ की सम्मान निधि ट्रांसफर की. वहीं पीएम मोदी ने विपक्ष पर राजनीतिक एजेंडा चलाने का आरोप लगाते हुए ताबड़तोड़ हमले भी किए.
“किसानों की खुशी में ही हमारी खुशी”
प्रधानमंत्री ने विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थी छह किसानों के साथ संवाद किया. वहीं उन्होंने कहा कि कृषि कानून को लेकर झूठ फैलाया जा रहा है. MSP और मंडी पर अफवाह जारी है. किसानों की खुशी में ही हमारी खुशी है.
पीएम ने कहा कि आज नए कृषि सुधारों को लेकर असंख्य झूठ फैलाए जा रह हैं. कुछ लोग किसानों के बीच भ्रम फैला रहे हैं कि MSP समाप्त की जा रही है. कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं कि मंडियों को बंद कर दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, “मैं आपको फिर ध्यान दिलाना चाहता हूं कि इन कानूनों को लागू हुए कई महीने बीत गए हैं, क्या आपने देश के किसी एक भी कोने में एक भी मंडी बंद होने की खबर सुनी है? ये कृषि सुधारों और नए कृषि सुधार कानूनों के बाद भी हुआ है.
सरकार किसान के साथ हर कदम पर खड़ी है. किसान चाहे जिसे अपनी उपज बेचना चाहे, सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि एक मजबूत कानून किसानों के पक्ष में खड़ा रहे.”