व्हाट्सएप, फेसबुक मैसेंजर या अन्य ओटीटी एप्स के जरिए फ्री में कॉलिंग कर पा रहे हैं लेकिन आने वाले समय में ये भी खत्म होने की संभावना नजर आ रही है। सरकार व्हाट्सएप, फेसबुक, गूगल डुओ और टेलीग्राम जैसे कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप्स को टेलीकॉम कानूनों के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। इस संबंध में एक ड्राफ्ट बिल भी तैयार किया गया है। आइए समझे पूरे मामला …
सरकार क्या चाहती है?
दरअसल सरकार नए टेलीकम्युनिकेशन बिल पर काम कर रही है। इस बिल में सोशल मीडिया एप्स और इंटरनेट आधारित कॉलिंग एप्स को भी कानून के तहत लाने की प्लानिंग चल रही है। अभी तक इंटरनेट कॉलिंग एप्स जैसे व्हाट्सएप और फेसबुक मैंसेजर बिना लाइसेंस के काम कर रहे हैं लेकिन नए बिल के आने के बाद इन्हें भी लाइसेंस लेना होगा।
नए बिल के आने के बाद व्हाट्सएप, फेसबुक, गूगल डुओ और टेलीग्राम जैसे एप्स को सरकार से लाइसेंस लेना होगा और इसके लिए मोटी फीस भी ली जाएगी, हालांकि सरकार चाहे तो लाइसेंस फीस को माफ भी कर सकती है, हालांकि लाइसेंस फीस कितनी होगी। इस संबंध में कोई जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं है।
अब बिजनेस का सीधा फंडा यही है कि यदि कारोबारी को अपनी सेवाओं के लिए पैसे देने पड़ेंगे तो वह उसकी भरपाई अपने ग्राहकों से ही करेगा। अमेजन प्राइम वीडियो और डिज्नीप्लस हॉटस्टार से लेकर नेटफ्लिक्स तक फिलहाल इसी मॉडल पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यह भी संभावना है कि नए बिल के आने के बाद व्हाट्सएप, फेसबुक, गूगल डुओ और टेलीग्राम जैसे एप्स की कुछ सेवाएं फ्री होंगी और अन्य के लिए पैसे देने पड़ेंगे।
यह काफी हद कुछ ऐसा ही है कि जब आप कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं तो उसकी कीमत पैकेट पर सभी कर सहित के साथ लिखी होती है लेकिन उसके बाद भी आपको अलग से जीएसटी शुल्क देना होता है। अब व्हाट्सएप, फेसबुक, गूगल डुओ और टेलीग्राम जैसे एप्स के मामले में भी ऐसा ही होगा। आप इंटरनेट के लिए अलग से पैसे खर्च कर रहे हैं और आने वाले समय में इंटरनेट से कॉलिंग के लिए भी आपको अलग से पैसे देने पड़ सकते हैं।