बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार (karnataka CM) बलपूर्वक या प्रलोभन के जरिए धर्मांतरण को लेकर कड़े कदम उठाने जा रही है। मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मइ (Basavraj Bommai) ने बताया कि राज्य सरकार जबरन या प्रलोभन के जरिए धर्मांतरण के खिलाफ कानून लाने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मइ ने कलबुर्गी और ब्यादरहल्ली में कथित धर्मांतरण की घटनाओं को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि कर्नाटक सरकार राज्य में बलपूर्वक या प्रलोभन के जरिए धर्मांतरण के खिलाफ कानून लाने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘ऐसी चीजें (धर्मांतरण) यहां वहां हो रही हैं। हम गंभीरता से इसके खिलाफ कानून लाने पर विचार कर रहे हैं। कुछ दिनों पहले मैंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए थे कि प्रलोभन या बल द्वारा किसी भी धर्म परिवर्तन की अनुमति न दें, क्योंकि यह गैरकानूनी है।’
वहीं, पिछले हफ्ते ही राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने विधानसभा को बताया था कि सरकार धर्म परिवर्तन को विनियमित करने के लिए एक कानून बनाने पर विचार कर रही है। हाल ही में होसदुर्गा के एक सत्तारूढ़ भाजपा विधायक गूलीहट्टी शेखर ने बताया था कि उनकी मां ने प्रलोभन का शिकार होकर ईसाई धर्म अपना लिया है। उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में पहले से ही जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कानून हैं।