Deepak-Rajsuman’s impression-Kisan-Why-should-not-the-farmer-movement-when-have-you-listened-to-the-farmers-and-the-poor?
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इतिहास जब लिखा जाएगा नरेंद्र मोदी सरकार Narendra Modi govenrnment का दौर काले अक्षरों में लिखा जाएगा. ऐसा मैं इसलिए नहीं कह रहा हूँ क्योंकि मैं इस सरकार का आलोचक हूँ. बल्कि इसलिए कह रहा हूँ क्योकि इस सरकार ने गरीब और आमलोगों के लिए कोई वैसा ठोस कदम कभी उठाने की हिम्मत ही नहीं किया, जिससे आम लोगों के जिंदगी में बड़ा बदलाव हो.

कभी प्रति सिलेंडर 300 रूपए मिलने वाली आज 800 रूपए प्रति सिलेंडर कर दिया ये कहकर की हम उज्वला योजना के तहत गरीब लोगों को मुफ्त में सिलेंडर दिया है. जबकि सच्चाई ये हैं की फ्री सिलेंडर भी नहीं था. सब्सिड़ी के नाम गरीब लोगों से पूरी कीमत वसूला गया.

लेकिन सिलेंडर की कीमत नहीं घटा. हमलोग एक तरह से ये कह सकते हैं की उधोगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए इस योजना को लाया गया. जो हमेशा के लिए योजना बना दिया गया गरीब के नाम पर. गरीब को लूटने के लिए. वही हाल डीजल पेट्रोल का भी हुआ. 

एक समय ऐसा था जो कभी कभार रूपए दो रूपए प्रति लीटर बढ़ता था. आज इस सरकार ने लोगो को बेवकूफ बनाने के लिए ऐसा कानून बना दिया की अब हर रोज डीजल पेट्रोल का कीमत बढ़ रहा हैं लेकिन आम लोगों को इसका पता ही नहीं चलता जिससे इस सरकार का विरोध हो सके.  

सरकार हमेशा से विकास की बात करते आयी हैं लेकिन इतिहास उठाकर देखे तो आज़ादी के बाद चाहे जिसकी भी सरकार आयी हैं किसी सरकार के शासन में देश की जीडीपी (-) माइनस जीरो से नीचे नहीं गया हैं लेकिन इस सरकार में ऐसा हुआ हैं यानी विकास दर जीरो से भी नीचे पहुंच गया. 

जनता को याद होगा 2014 लोकसभा चुनाव के समय बाबा रामदेव और नरेंद्र मोदी ने पुरे देश भर में जगह जगह जाकर चुनाव प्रचार किया और लोगो के दिमाग में ये बात डाल दिया की देश पर बहुत बड़ा कर्ज कांग्रेस की सरकार ने लिया.

जबकि सच्चाई ये हैं की 1947 से लेकर 2014 तक जितनी भी तमाम सरकार बनी उन सबने मिलकर 54.90 लाख करोड़ का कर्ज लिया था वही 2014- 2020 तक बढ़कर यही कुल कर्ज 101.3 लाख करोड़ पहुंच गया.

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यानी जितना सभी सरकारों ने मिलकर कर्ज लिया था जीरो से सौ तक देश को पहुंचाया उससे करीब करीब कर्ज अकेले नरेंद्र मोदी ने सिर्फ 6 साल के कार्यकाल में अकेले कर्ज लिया हैं. क्या यही बात अब नरेंद्र मोदी देश को बताने की हिम्मत करेंगे? जबकि जीडीपी जीरो से भी नीचे आ गया. 

वही महिला सुरक्षा का ढोल पिट पिट कर सत्ता में आयी मोदी सरकार ये अब देश को बताना क्यों बंद कर दिया की अब हर साल देश भर में कितने महिलाओं के साथ रेप होता हैं? यही हाल किसानो के साथ हुआ. 

पहले की तमाम सरकार के शासन में देश भर में कितने किसान आत्महत्या करता था उसके आंकड़े सामने लाती थी जिसके बदले में बीजेपी सड़कों पर आकर विरोध जताती रही हैं आज बीजेपी सत्ता में हैं किसान की आत्महत्या दर बढ़ रहा है तो सरकार अब NCRB को आंकड़ा देना ही बंद कर दिया. 

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वही हाल आज ये सरकार बैंक का कर रही हैं एक के बाद एक कई बैंक डूब गयी हैं. चाहे वह PMC बैंक हो या YES बैंक हो चाहे और भी कई बैंक. ऐसा ही हालत लक्ष्मी बैंक के साथ सरकार ने किया अचानक बैंक सिंगापोर के बैंक DBS में मर्ज कर दिया गया.

बताये वह लोग कहाँ जाएंगे जिन्होंने अपना पैसा बैंक में ये सोच कर रखा था की मेरे पैसे की निगरानी सरकार करेगी लेकिन यहाँ तक आपने सारा पैसा उद्योगपतियों के जेब में दूसरे दरवाजे से डाल दिया और लोगों को पता भी नहीं चला? 

वही हालत आपने नोटबंदी का फैसला लेकर किया. खाया पिया कुछ नहीं ग्लास थोड़ा एक रूपए का. नोटबंदी से किसको क्या मिला इसका जबाब तो आजतक आपकी सरकार ने जनता को नहीं दिया. लेकिन फैसले से जो सबसे अधिक युवाओ को जॉब देते आयी हैं प्राइवेट कंपनी उसका आपने सारा व्यापर आपने मार्किट चलन के केश को एक झटके में बंद करके ठप्प कर दिया।

छोटे मझोले कम्पनी का सारा व्यापार केश लेनदेन पर चलता आया हैं लेकिन आपने एक झटके में केश बंद करके पुरे देश के युवाओ को आपने सड़क पर ला दिया. कम्पनी बंद करवा दिया. लेकिन उस फैसले से देश को मिला क्या? आजतक किसी को नहीं मिला. 

 लेखक : दीपक राजसुमन 

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