जयपुर : कोरोना वायरस की वैक्सीन corona-vaccine पुरी दुनियाँ इंतजार कर रही है. वैक्सीन के अप्रूवल के लिए पहले इसका ट्रायल रन बहुत जरूरी होता लोग हैं, जो रिस्क लेकर ट्रायल में हिस्सा लेते हैं और देश के करोड़ों लोगों के हित में अपनी भागीदारी निभाते हैं. ऐसे ही लोगों में एक है राजस्थान Rajasthan के छोटे से शहर बांसवाड़ा banswara के रहने वाले प्रसंग सराफ.Prasang saraf देश के उन लोगों में से एक हैं, जो वैक्सीन ट्रायल का हिस्सा बने हैं.
प्रसंग सराफ ने कहा है की, दरअसल, लोगों का मानना था कि वैक्सीन लगभग तैयार हो गई है तो ट्रायल में जाकर रिस्क क्यों लेना. इसके बाद मैंने अखबार में पढ़ा कि ट्रायल के लिए वॉलिंटियर नहीं मिल रहे हैं, तो मुझे लगा कि अगर ऐसे कोई भी इसमें हिस्सा नहीं लेगा तो वैक्सीन का बनना मुश्किल हो जाएगा. उन्होने वैक्सीन लगवाने के बाद टीवी 9 भारतवर्ष से खास बातचीत करते हुए पुरा अनुभव बताया.
इसके बाद मैंने वैक्सीन ट्रायल रन में हिस्सा लेने के बारे में सोचा और कुछ डॉक्टर्स से बात की. इसके बाद मैंने घरवालों से बात की, लेकिन घर वालों ने मना कर दिया और मैंने बड़ी मुश्किल से उन्हें समझाया.
मैं बांसवाड़ा का रहने वाला हूं और यहां कोरोना के मामले भी काफी कम है. ऐसे में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में हिस्सा लेने के लिए लोगों को मनाना काफी मुश्किल था. दरअसल, वैक्सीन का ट्रायल यहां से काफी किलोमीटर दूर जयपुर में हो रहा था.
इसके बाद मैं यहां से सिर्फ वैक्सीन ट्रायल के लिए ही जयपुडर गया. जयपुर में एक हॉस्पिटल महाराजा अग्रसेन में यह चल रहा था, जहां मैंने वैक्सीन लगवाई.
वैक्सीन लगवाने से पहले थोड़ा डर भी था और मन में यह भी था कि हर कोई मना कर देगा तो कैसा काम चलेगा. इसके बाद जयपुर पहुंचकर भी मैंने वहां डॉक्टर्स की टीम से बात की और मैंने वैक्सीन को लेकर डॉक्टर्स की टीम से कई सवाल भी पूछे. उन्होंने मुझे हर सवाल का जवाब दिया.
वैक्सीन से पहले हेल्थ चेकअप किया गया और उसके बाद कुछ कागजी कार्रवाई भी की गई. फिर डॉक्टर्स ने वैक्सीन लगाई. इसमें दो तरह की वैक्सीन होती है और इसमें एक हाईडोज और दूसरी सिंपल वैक्सीन सैंपल होता है. इसके बाद आपको एक घंटे निगरानी में रखा गया और फिर नॉर्मल लाइफ की तरह रहने के लिए कहा है.
अब दूसरी डोज 28 दिन बाद लगेगी. खास बात ये है कि डॉक्टर अब एक साल तक हमें निगरानी में रखेंगे यानी एक डायरी दी गई है, जिसे हमें हेल्थ के हिसाब से अपडेट करना होता है.
वैक्सीन लगवाने पर कुछ दर्द नहीं होता है और रही बात साइड इफेक्ट्स की तो मुझे कुछ भी नहीं हुआ है. यहां तक कि वैक्सीन के बाद आने वाले नॉर्मल इफेक्ट बुखार आदि भी नहीं आए हैं. मैं पहले की तरह आम जीवन जी रहा हूं और मुझे कोई दिक्कत नहीं है.
ना ही किसी भी चीज से परहेज के लिए कहा गया है, यहां तक कि मैं जल्द ही एक हिल स्टेशन पर ट्रिप के लिए जाने वाला हूं और उसके लिए भी मना नहीं किया गया है.
अगर वैक्सीन के बात होने वाले अनुभव की बात करें तो कोई दिक्कत तो बहुत दूर मुझे तो बहुत खुशी हो रही है. अंदर से एक खुशी हो रही है. यहां तक कि कई डॉक्टर्स के कॉल आ रहे हैं और वो एप्रिशिएट कर रहे हैं तो लगता है कि जिन डॉक्टर्स की हम तारीफ करते हैं वो आज मेरी तारीफ कर रहे हैं. ऐसे में काफी अच्छा लगता है.
एक करोड़ रुपये का मिलता है इंश्योरेंस
देश के लिए इतना बड़ा योगदान देने के साथ ही अब जब वैक्सीन आएगी तो सबसे पहले ट्रायल में हिस्सा लेने वाले लोगों को लगाई जाएगी. ऐसे में लगता है कि आप अपने देश के लिए स्पेशल हो, इसलिए सबसे पहले आपके वैक्सीन लगवाई जा रही है.
साथ ही आपको एक साल तक डॉक्टर्स मॉनिटर करते हैं और एक करोड़ रुपये का इंश्योरेंस मिलता है. इसके अलावा कोई दिक्कत होने पर इलाज की गारंटी भी मिलती है ऐसा प्रसंग सराफ ने कहा है.