
Aurangabad and Osmanabad city renamed: केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर ‘छत्रपति संभाजीनगर’ और उस्मानाबाद शहर का नाम बदलकर ‘धाराशिव’ करने की मंजूरी दे दी है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को ट्विटर पर यह खबर साझा की. औरंगाबाद का नाम मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर रखा गया है, जबकि उस्मानाबाद का नाम हैदराबाद रियासत के 20वीं सदी के शासक के नाम पर रखा गया था. हिंदू दक्षिणपंथी संगठन के लोग लंबे समय से दोनों शहरों का नाम बदलने की मांग कर रहे थे.
देवेंद्र फडणवीस ने पीएम मोदी का किया शुक्रिया
वहीं, महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 24 फरवरी को गृह मंत्रालय से राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव को दो पत्र ट्वीट किए. पत्रों में कहा गया है कि केंद्र को मध्य महाराष्ट्र के इन दो शहरों के नाम में बदलाव पर कोई आपत्ति नहीं है. फडणवीस ने इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने ‘जो वादा किया था, वह पूरा किया’.
शिवसेना ने लिया था यह फैसला
गौरतलब है कि औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करना शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)-कांग्रेस सरकार का अंतिम कैबिनेट निर्णय था, जो पिछले जून में उद्धव ठाकरे के खिलाफ शिंदे के विद्रोह के बाद गिर गई थी. शिंदे के नेतृत्व वाली नई सरकार ने कैबिनेट के फैसले को रद्द कर दिया और नया फैसला लिया.
शहर हमारा है, था और रहेगा: AIMIM
इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए औरंगाबाद के सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता इम्तियाज जलील ने ट्वीट किया कि वे औरंगाबाद के लिए अपनी ताकत दिखाएंगे.
उन्होंने ट्वीट किया कि औरंगाबाद हमारा शहर है, था और हमेशा रहेगा. अब औरंगाबाद के लिए हमारे शक्ति प्रदर्शन का इंतजार करें. हमारे शहर के नाम पर राजनीति करने वाली इन ताकतों (भाजपा) को हराने के लिए औरंगाबादियों को तैयार हो जाओ. हम निंदा करते हैं और हम लड़ेंगे.