मुंबई : देश के अति महत्वपूर्ण सार्वजनिक कंपनियों को अपने उद्योग मित्रों को बेच कर डीलर व ब्रोकर के रूप में काम करनेवाली बीजेपी द्वारा कांग्रेस (Congress), राकां (NCP) व शिवसेना (ShivSena) पर आरोप लगाना हास्यास्पद है। बीजेपी पर यह जोरदार हमला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले (Nana patole) ने बोला है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा है कि देश की जनता जानती है कि किस पार्टी ने राफेल विमान खरीदी में घोटाला करने के अलावा पुराने नोटों के बदले करोड़ों रुपए का भुगतान किसे किया गया था ।
पटोले ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमित शाह 1 जनवरी 2013 को कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा ‘डीबीटी’ (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) योजना शुरू करने का श्रेय भी अपनी सरकार दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की नीति कांग्रेस की अच्छी योजनाओं को अपने नाम पर इस्तेमाल कर, बिना किसी झिझक के झूठ बोलने की है। लेकिन जनता को पता है कि भाजपा सही मायने में देश की सबसे बड़ी ‘डीलर’ और ‘दलाल’ पार्टी के रूप में काम कर रही है।
पटोले ने कहा कि देश की राफेल सौदे में करोड़ों रुपयों की दलाली किसने खाई. बैंक नोटों के आदान-प्रदान में कौन सी पार्टी मुख्य रूप से शामिल रही है। किसने सार्वजनिक बैंकों, एयरलाइनों, हवाई अड्डों, रेलवे, सड़कों, बीमा कंपनियों को निजी उद्योगपतियों के हवाले कर उनका सौदा किया। यह बात देश के लोगों को अच्छे से पता है । इसलिए बीजेपी को जल्द ही महाराष्ट्र विकास आघाड़ी को बदनाम करने की अपनी मुहिम बंद कर देनी चाहिए।
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उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का यह बयान कि महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार को इस्तीफा देना चाहिए और चुनाव कराना चाहिए, पूरी तरह से गलत है। शाह को लोकतंत्र का सम्मान करना सीखना चाहिए। केवल सत्ता में बैठे लोग ही ऐसे बयान देते हैं। नाना पटोले ने अमित शाह को चैलेंज करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार के साथ केंद्र की बीजेपी सरकार को भी बर्खास्त कर चुनाव कराएं जाने चाहिए, तब पता चलेगा कि देश की जनता में बीजेपी के प्रति कितना असंतोष है।
उन्होंने शाह के उस बयान पर भी निशाना साधा जिसमें मुख्यमंत्री का अता –पता नहीं मिलने की बात कही जा रही है । पहले अमित शाह को बताना चाहिए कि प्रधानमंत्री कहां हैं। हिंदुत्व के ये ठेकेदार उस समय क्या कर रहे थे, जब कोरोना काल में लाखों हिंदू मारे गए थे । कोरोनाकाल में गायब, प्रधानमंत्री, सिर्फ टीवी पर ही दिखाई दिए । पटोले ने यह भी पूछा कि जब किसान 14 महीने से दिल्ली सीमा पर धरना प्रदर्शन कर रहे थे तो प्रधानमंत्री किसानों से मिलते हुए क्यों नहीं दिखाई दिए ।