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नई दिल्ली l तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन का आज 23वां दिन है। किसान कानून वापसी पर अड़े हैं। इस बीच सरकार अलग-अलग तरीकों से किसानों को समझाने-मनाने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Narendra modi आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश के किसानों की कॉन्फ्रेंस में जुड़ेंगे। वे कृषि कानूनों के फायदे बताएंगे।

2 दिन पहले ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ग्वालियर में किसान सम्मेलन को संबोधित किया था। उन्होंने कहा था कि नए कानून किसानों के फायदे के लिए हैं। तोमर ने गुरुवार को किसानों के नाम चिट्ठी भी लिखी.

जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP समेत दूसरी चिंताओं पर भरोसा दिया। मोदी ने किसानों के साथ-साथ पूरे देश से तोमर की चिट्ठी को पढ़ने की अपील करते हुए इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया।

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन लगातार 23 दिनों से जारी है. वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के नाम आठ पन्नों का एक खुला पत्र लिखा है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के किसानों के नाम लिखे गए पत्र को पढ़ने की अपील की है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है. सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें. देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं. 

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने गुरुवार को दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि वे राजनीतिक स्वार्थ के लिए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ फैलाये जा रहे भ्रम से बचें.

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और किसानों के बीच झूठ की दीवार खड़ी करने की साजिश रची जा रही है. किसानों के नाम लिखे एक पत्र में तोमर ने दावा किया कि तीन कृषि सुधार कानून भारतीय कृषि में नये अध्याय की नींव बनेंगे, किसानों को और स्वतंत्र तथा सशक्त करेंगे.

कृषि कानूनों को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए तोमर ने कहा कि इन सुधारों को लेकर उनकी अनेक राज्यों के किसान संगठनों से बातचीत हुई है और कई किसान संगठनों ने इनका स्वागत किया है.

उन्होंने कहा कि वह इससे बहुत खुश हैं और किसानों में एक नई उम्मीद जगी है. उन्होंने ने कहा, ”देश के अलग-अलग क्षेत्रों से ऐसे किसानों के उदाहरण भी लगातार मिल रहे हैं, जिन्होंने नए कानूनों का लाभ उठाना शुरू भी कर दिया है.”

उन्होंने कहा कि इन कृषि सुधार कानूनों का दूसरा पक्ष ये है कि किसान संगठनों में एक भ्रम पैदा कर दिया गया है. उन्होंने कहा, ”देश का कृषि मंत्री होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि हर किसान का भ्रम दूर करूं.

मेरा दायित्व है कि सरकार और किसानों के बीच दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में जो झूठ की दीवार बनाने की साजिश रची जा रही है उसकी सच्चाई और सही वस्तु स्थिति आपके सामने रखूं.”

इस पत्र में कृषि मंत्री ने लिखा कि कृषि सुधारों को लेकर भ्रम पैदा कर दिया गया है. पिछले 20-25 वर्षों में किसी भी किसान नेता या संगठन का कोई बयान दिखा दें जिसमें कहा गया हो कि किसानों को उपज का बेहतर विकल्प नहीं मिलना चाहिए. कृषि मंत्री ने कहा कि मंडिया चालू हैं और चालू रहेंगी. एपीएमसी को अधिक मजबूत किया जा रहा है. 

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